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    त्रिपुरा हाईकोर्ट ने वरिष्ठ माकपा नेता व पूर्व मंत्री बादल चौधरी को करोड़ों के पीडब्ल्यूडी घोटाला मामले में जमानत दे दी है। इस मामले में उन्हें 104 दिन पहले गिरफ्तार किया गया था। एक संक्षिफ्त सुनवाई के बाद न्यायाधीश अरिंदम लोध ने चौधरी की सशर्त जमानत मंजूर कर दी। चौधरी आठ बार विधायक और पूर्व मंत्री रह चुके हैं।

    त्रिपुरा पुलिस की क्राइम ब्रांच 638 करोड़ की परियोजनाओं कार्यान्वयन घोटाला मामले में त्रिपुरा के पूर्व मुख्य सचिव यशपाल सिंह की तलाश कर रही है, जो साल 2008-2009 में प्रधान सचिव (पीडब्ल्यूडी) थे।

    बचाव पक्ष के वकील पुरुषोत्तम रॉय बर्मन ने कोर्ट के आदेश के बाद मीडिया से कहा, “शुरुआत से ही हम अपनी बात पर बने रहे कि चौधरी के खिलाफ यह मामला राजनीति से प्रेरित है। बीते साल 13 अक्टूबर तो विजिलेंस विंग द्वारा एक एफआईआर दर्ज कराने के बाद भी पुलिस उनके और दो वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दायर करने में असफल रही, जिससे हमारा दावा सच साबित हुआ।”

    उन्होंने कहा, “हमने कोर्ट को सुनिश्चित किया है कि चौधरी चल रही जांच में सहयोग करेंगे।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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