भारत और बांग्लादेश की सीमा पर शुक्रवार से 31 रोहिंग्या मुस्लिमो को गिरफ्तार किया गया था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 12 बच्चों सहित 30 रोहिंग्या मुस्लिमों को सोमवार रात गिरफ्तार किया गया था। उत्तरी त्रिपुरा जिला प्रमुख भानुपादा चक्रबोर्थी ने कहा कि असम पुलिस ने गुवाहाटी की एक बस से सोमवार रात को 30 रोहिंग्या मुस्लिमों को गिरफ्तार किया था।
असम पुलिस अधिकारियों के हवाले से उन्होंने कहा कि नौ महिलाएं और 12 बच्चों सहित 30 रोहिंग्या मुस्लिम थे। उन्होंने कहा कि असम पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी करीमगंज के कैदियों की जांच करेंगे और मंगलवार को उन्हें जिला न्यायालय में पेश किया जाएगा।
भारतीय सीमा सुरक्षा बल और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के मध्य आगामी संभावित मुलाकात सोमवार को होगी, जिसमे 31 रोहिंग्या मुस्लिमों के बाबत बातचीत की जाएगी। सीमा सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने बताया कि इन 31 रोहिंग्या शरणार्थियों से संबंधित अगले कदम के लिए हम दिल्ली मुख्यालय के निर्देशों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हालांकि इनकी पहचान उजागर करने से इनकार दिया गया है।
बीएसएफ के डिप्टी जनरल इंस्पेक्टर ब्रजेश कुमार ने पत्रकारों से कहा कि मानवीय लिहाज से 6 पुरुषों, 9 महिलाओं और 16 बच्चो को जरूरतमंद चीजे मसलन खाद्य पदार्थ को बीएसएफ मुहैया कर रही है। बंगलादेशी मीडिया के मुताबिक भारतीय सीमा सुरक्षा बल के सैनिक जबरन रोहिंग्या मुस्लिमो को सीमा ओआर करवाकर बांग्लादेश में भेज रहे हैं।
हाल ही में बांग्लादेश के एक समाचार पत्र में कहा गया था कि बांग्लादेश सुरक्षा बल ने काजीआताली क्षेत्र से 31 रोहिंग्या शरणार्थियों को जबरन म्यांमार भेजने का प्रयास जा रहा है। यह इलाका यहां से 32 किलोमीटर दूर त्रिपुरा सिपहिजला जिले में कमलसगर में आता है।
बीएसएफ सीमा क्षेत्र त्रिपुरा ने इन आरोपों को बेबुनियादी और गलत बताते हुए बयान जारी किया कि 18 जनवरी को रात साढ़े आठ बजे बांग्लादेश सीमा सुरक्षा के कमांडिंग अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल गोमाल कबीर ने बीएसएफ के कमांडेंट रत्नेश कुमार से बातचीत की थी और उन्हें जानकारी दी थी कि अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर 31 रोहिंग्या मुस्लिमों को गिरफ्तार किया गया है। बयान के मुताबिक बांग्लादेशी अधिकारी ने बीएसएफ अधिकारी से कहा कि 31 रोहिंग्या शरणार्थियों को तारबंदी के अंदर दाखिल कर लें।
हाल ही कि रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष की शुरुआत से ही भारत से तक़रीबन एक हज़ार से अधिक रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश की तरफ गए हैं। एक अधिकारी के मुताबिक रोहिंग्या मुस्लिमों में प्रत्यर्पण का भय था। संयुक्त राष्ट्र समेत कई अंतर्राष्ट्रीय संघठन भारत की आलोचना कर रहे हैं।