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    तेलंगाना सरकार ने शादनगर कस्बे के पास छह दिसंबर को हुई ‘मुठभेड़’ की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। इस मुठभेड़ में पुलिस ने एक पशुचिकित्सक युवती से सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के चार आरोपियों को मार डाला। इस आठ सदस्यीय एसआईटी का नेतृत्व राचकोंडा पुलिस आयुक्त महेश एम. भागवत करेंगे। दूसरे अधिकारियों में एक महिला सहित राज्य के विभिन्न भागों के अधिकारी हैं।

    एसआईटी के गठन का सरकारी आदेश (जीओ) रविवार देर जारी किया गया। इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का एक दल आरोपियों की हत्या की जांच शुरू कर चुका है।

    आरोपियों की त्वरित रूप से हत्या की लोगों ने सराहना की। लोग अपराधियों को तत्काल मौत की सजा दिए जाने की मांग कर रहे थे, लेकिन अधिकार समूहों ने पुलिस द्वारा कानून को अपने हाथों में लिए जाने की निंदा की है।

    जीओ में कहा गया है कि एसआईटी का गठन पीपुल्स यूनियन ऑफ सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार किया गया है। ऐसे मामलों की जांच किसी अन्य पुलिस थाने की पुलिस टीम के एक वरिष्ठ अधिकारी की देखरेख में स्वतंत्र जांच एजेंसी को सौंपी जाएगी।

    महिला पशु चिकित्सक से हैदराबाद के बाहरी इलाके शमशाबाद में 27 नवंबर को सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उसके शव को शादनगर कस्बे के पास जला दिया गया। शादनगर कस्बा, हैदराबाद से करीब 50 किमी दूर है। दोनों अपराध स्थल साइबराबाद पुलिस की सीमा में आते हैं।

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