यूपीए की अध्यक्षा सोनिया गाँधी तेलंगाना में अपने पहली रैली को सम्बोधित करेंगी। कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि सोनिया की ये रैली राज्य में 7 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए गेम चेंजर साबित होगी।
तेलंगाना की ये रैली 5 राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों की पहली रैली है। कांग्रेस की कोशिश है कि सोनिया की इस रैली के जरिये तेलंगाना के गठन में उनके योगदानो को जनता के सामने रखा जाए।
कांग्रेस नेता तेलंगाना में सोनिया गांधी की पहली चुनावी रैली को तेलंगाना के साथ उनके भावनात्मक लगाव के रूप मे प्रदर्शित कर रहे हैं। 2014 मे नए राज्य के गठन के बाद ये तेलंगाना मे सोनिया गांधी की पहली राजनैतिक रैली है। तेलंगाना कॉंग्रेस के अध्यक्ष आर सी खूंटिया कहते हैं कि ‘मध्य प्रदेश, छतीसगढ़, राज्यस्थान, मिजोरम और तेलंगाना मे चल रहे विधानसभा चुनावों मे से छतीसगढ़ मे चुनाव समाप्त हो चुके हैं लेकिन वहाँ सोनिया गांधी ने किसी रैली को संबोधित नहीं किया। उन्होने तेलंगाना को अपनी पहली रैली के लिए चुना जो ये दिखाता है कि वो तेलंगाना के साथ दिल से जुड़ी हुई है।’
अपनी रैली के दौरान सोनिया गांधी तेलंगाना के लिए पार्टी के घोषणापत्र को भी जारी करेंगी। घोषणापत्र मे किसानों के लिए ऋणमाफ़ी, साल मे 1 लाख नौकरी, सरकारी कर्मचारियों के लिए सेवानिवृति कि उम्र 58 से बढ़ाकर 60 करने का वादा किया गया है।
सोनिया बेगमपेट एयरपोर्ट पर एक विशेष विमान से शाम 5 बजे उतरेंगी और वहाँ से सड़क मार्ग से मेडचल जाएंगी जहां वो शाम 6 बजे रैली को संबोधित करेंगी और फिर 8 बजे दिल्ली वापस लौट जाएंगी।
कॉंग्रेस के बड़े नेता अहमद पटेल, विरप्पा मोइली, जाइराम रमेश औइर कर्नाटक सरकार मे मंत्री डीके शिवकुमार ने हैदराबाद मे कार्यक्रम स्थल पर तैयारियों का जायजा लिया। कॉंग्रेस के साथ राज्य मे गठबंधन मे साझीदार तेलंगाना जन समिति के अध्यक्ष एम कोदंडरम भी सोनिया गांधी के साथ मंच साझा करेंगे और रैली को संबोधित करेंगे। राज्य मे कॉंग्रेस का तेलुगू देशम पार्टी, तेलंगाना जन समिति और सीपीआई के साथ महागठबंधन है।
आंध्र प्रदेश मे मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू इस रैली मे उपस्थित नहीं होंगे।
कॉंग्रेस नेता तेलंगाना के गठन मे सोनिया गांधी के योगदान को जनता के सामने प्रमुखता से रख रहे हैं। उनको कोशिश है जनता को ये बताना कि तेलंगाना कभी हकीकत नहीं बन पता अगर सोनिया गांधी ने अपने सीमांध्रा मे कॉंग्रेस को नुकसान होने के अनुमान के बावजूद तेलंगाना का समर्थन न किया होता।
कॉंग्रेस नेता गुडुरु नारायण रेड्डी कहते हैं ‘वो चाहती थी कि तेलंगाना के लिए कुर्बानी देने वालों कि कुर्बानी बेकार नहीं जाये इसलिए उन्होने तेलंगाना के गठन के लिए पार्टी के हितों कि भी परवाह नहीं की।’
कॉंग्रेस नेताओं को लगता है कि तेलंगाना चुनाव मे सोनिया गांधी कि उपस्थिती पार्टी के लिए जबर्दस्त फायदेमंद होगी।