तेलंगाना में 7 दिसंबर को विधानसभा चुनाव के दौरान जब लोग वोट देने अपने अपने मतदान केन्द्रों पर पहुंचे तो उन्हें पता चला कि मतदाता सूची से उनका नाम गायब हैं। सिर्फ आम आदमी ही नहीं कई वीआइपी ने भी शिकायत की कि उनके नाम मतदाता सूची से गायब हैं।
तेलंगाना के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रजत कुमार ने कहा “हमने कई महीने पहले से विज्ञापन देना शुरू कर दिया था कि लोग मतदाता सूची में अपने नाम दर्ज करवा लें लेकिन हमें खेद है कि सब अपना नाम दर्ज नहीं करा पाए।”
आम आदमी तो आम आदमी एक सीनियर आइपीएस अधिकारी और स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा तक के नाम मतदाता सूचि से गायब मिले।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने स्वीकार किया कि उन्हें पुरे राज्य से कई शिकायतें मिली लोगों के नाम मतदाता सूची से गायब होने की। उन्होंने वोट ना दे पाने वाले मतदाताओं से माफ़ी मांगी।
अपना नाम मतदाता सूची से गायब पाए जाने के बाद बैडमिंटन खिलाडी ज्वाला गुट्टा ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर की।
Surprised to see my name disappear from the voting list after checking online!! #whereismyvote
— Gutta Jwala (@Guttajwala) December 7, 2018
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कुमार ने कहा, “मैं ज्वाला गुट्टा के साथ सहानुभूति व्यक्त करता हूं। असल में, उनका नाम 2016 से मतदाता सूची से गायब हो गया है। इसलिए 2016 में, 2017, 2018 में शामिल नहीं था। हम उस स्थिति को सुधार देंगे।”
सीनियर पुलिस ऑफिसर टी किशना रेड्डी ने भी ट्वीट पर कहा कि उनका नाम भी मतदाता सूची से गायब है। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि “जब मैं अपना वोट डालें मतदान केंद्र पर गया तो मुझे बताया गया कि मेरा नाम मतदाता सूची में नहीं है। अपना वोट देने के अधिकार को खोने के बाद मैं घर वापस लौट आया।”
Today, I went to the Polling Station only to be told that my name is not there in the Voter list inspite of having a Voter ID card issued by ECI and a verification.
I returned home https://t.co/jwsZzNZ2ZZ Right to Vote has been denied.
Thanks to Election Commission. pic.twitter.com/iLT4TBOb5r— T Krishna Prasad IPS (Retd) (@tkp1080) December 7, 2018
मतदाता सूची से नाम गायब होने के बाद मताधिकार से वंचित लोगों ने आदिलाबाद में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। सूची से नाम ना होने वाले लोगों में निराशा, गुस्सा और झल्लाहट देखी गई।
3 लाख मृत और फर्जी मतदाताओं के नाम हटाने के बाद इस साल सितम्बर में 2.81 करोड़ लोगों के नाम आखिरी मतदाता सूची में थे।