तेलंगाना में कांग्रेस ने 65 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी। लिस्ट जारी होने के बाद पार्टी में भगदड़ मच गई। जिनका नाम लिस्ट में नहीं है वो या तो पार्टी से स्तीफा दे रहे या फिर निर्दलीय लड़ने की योजना बना रहे।
कांग्रेस को उम्मीद है कि महागठबंधन (महाकुट्टामी) उसे सत्ता में लाएगा, लेकिन कांग्रेस को इसके लिए अपने बागियों से लड़ना होगा। जो सीटें कांग्रेस के सहयोगियों के हिस्से में गई है उन सीटों पर टिकट की आस लगाए बैठे नेता बागी बनकर चुनाव मैदान में उतरेंगे। इनमें से कुछ संभावित उम्मीदवार थे, जबकि दूसरों के इस्तीफे से पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि विद्रोही उम्मीदवार चुनाव भले ही न जीत सके, परिणाम जरूर बदल सकते हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका चौधरी ने कहा है कि खम्मम जिले में सीट आवंटन ठीक से नहीं किए गए हैं, और कम्मा समुदाय के साथ अन्याय किया गया है।
मंगलवार को कांग्रेस द्वारा जारी 65 उम्मीदवारों की पहली सूची में, कई पुराने नाम हैं जो पिछले चुनाव में हार गए थे और आने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। लिस्ट में लगभग 10 नए चेहरे हैं। विघटित विधानसभा में सभी मौजूदा विधायकों को टिकट दिया गया है। पूर्व मंत्रियों, पूर्व सांसदों और मौजूदा एमएलसी को भी टिकट दिया गया है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता पोनला लक्ष्मीया, मैरी सशिधर रेड्डी, गंधरा वेंकट रामान रेड्डी और कुछ अन्य लोगों को पहली सूची में शामिल नहीं किया गया है।
लिस्ट के अनुसार सिरपुर से डॉ. पालवी हरीश बाबू, चेन्नूर (एससी) से डॉ. वेंकटेश नाथ बोरलाकुंता, मानचेरियल से कोक्किराला प्रेमसागर राव, असिफाबाद (एसटी) से अथराम सक्कु, आदिलाबाद से श्रीमती सुजाता गंदराथ, निर्मल से एलटी महेश्वर रेड्डी, जगित्याल से जीवन रेड्डी, करीम नगर से पोन्नम प्रभाकर, चारमीनार से मोहरंमेर्ल गौस के नाम प्रमुख हैं।
राज्य के 119 सदस्यीय विधानसभा के लिए कांग्रेस 95 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि शेष सीटें उसने सहयोगियों के लिए छोड़ी है।