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    kcr with kavitha

    मंगलवार को तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने शुरू होते ही सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति ने बड़ी बढ़त बनानी शुरू कर दी और अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस-टीडीपी गठबंधन से बहुत आगे निकल गई।

    रुझानों में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में टीआरएस एकतरफा बहुमत की तरफ जाती दिख रही है और कांग्रेस-टीडीपी गठबंधन काफी पीछे छुट गई।

    जिस तरह के रुझान सामने आ रहे हैं उससे ये बात साबित होती है कि 6 महीने पहले ही विधानसभा भंग कर चुनाव करने का फैसला केसीआर के लिए सही साबित हुआ।

    केसीआर की बेटी क कविता ने कहा है कि उनके पिता के अच्छे कामों को लोगों ने स्वीकार किया है।

    उन्होंने कहा ‘हम लोगों की प्रतिक्रिया को देख रहे हैं। साढ़े चार सालों में किये गए उनके अच्छे काम और कड़ी म्हणत को लोगों ने स्वीकार किया है और सिर माथे पर बिठाया है। कोई भी तेलंगाना को केसीआर से बेहतर नहीं जानता।”

    सत्तारूढ़ दल को चुनौती देने के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और कांग्रेस ने अपने ऐतिहासिक दुश्मनी को किनारे कर गठबंधन किया और एक साथ प्रचार किया।

    चुनाव पूर्व ओपिनियन पोल में ये बात सामने आई कि ये गठबंधन इस बार केसीआर की सत्ता पलट कर देगा लेकिन मंगलवार सुबह जव चुनाव परिणाम आने शुरू हुए तो टीआरएस ने एकतरफा बढ़त बनानी शुरू कर दी। ऐसा लग रहा था मानो कोई दूद्र दूर तक मुकाबले में नहीं है।

    कविता ने कहा “ये गठबंधन कभी हमारे लिए कोई ख़तरा नहीं रहा लेकिन लगता है तेलंगाना की जनता ने इसे अपने लिए खतरा मान लिया और नतीजा आप सबके सामने है।”

    उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन ने अपना चुनाव कागजों पर लड़ा लेकिन हमने अपना चुनाव जनता के बीच जा कर लड़ा। हम जनता तक पहुंचे और जनता ने हमारा साथ दिया।”

    चंद्रबाबू नायडू पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि “चंद्रबाबू आंध्र में अपनी असफलता को छुपाने के लिए महागठबंधन खड़ा किया और तेलंगाना के चुनाव में कूद पड़े।” उनका इशारा चंद्रबाबू की तरफ से लोकसभा चुनावों के लिए एक महागठबंधन बनाने की कोशिशों की ओर था।

    उन्होंने कहा कि जीत के बाद अब केसीआर राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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