Sun. Dec 22nd, 2024

    हैदराबाद, 10 जून (आईएएनएस)| तेलंगाना कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने जबर्दस्ती अस्पताल में भर्ती किए जाने के बाद विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया। विक्रमार्क 12 कांग्रेस विधायकों के सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) में ‘अलोकतांत्रिक’ विलय के को लेकर 8 जून से बेमियादी भूख हड़ताल पर थे।

    पुलिस ने जबरन विक्रमार्क को इंदिरा पार्क में उनके भूख हड़ताल शिविर को हटा दिया, क्योंकि उसकी हालत बिगड़ने लगी थी। कुछ कांग्रेस नेताओं ने पुलिस को रोकने की कोशिश की, जिससे हल्का तनाव पैदा हुआ। पुलिस ने उन्हें सरकारी निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (निम्स) में भर्ती करा दिया।

    हालांकि, कांग्रेस नेता ने अस्पताल में सेलाइन या कोई भी उपचार लेने से इनकार किया और दावा किया कि वह विधानसभा अध्यक्ष पी.श्रीनिवास से उनके 12 कांग्रेस विधायकों के टीआरएस में विलय को वापस लेने की मांग को लेकर अपना अनशन जारी रखे हुए हैं।

    राज्य कांग्रेस प्रमुख उत्तम कुमार रेड्डी, वरिष्ठ नेता जना रेड्डी व अन्य ने विक्रमार्क से निम्स में मुलाकात की और अनशन वापस लेने को राजी किया।

    कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव व विधानसभा अध्यक्ष की कार्रवाई लोकतंत्र के लिए खतरा है।

    तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष ने 6 जून को 12 कांग्रेस विधायकों के टीआरएस विधायक दल में विलय को मान्यता दी। अध्यक्ष ने ऐसा विधायकों के समूह के उनसे मिलने व इस संदर्भ में आग्रह करने के बाद किया।

    इसके साथ 119 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 6 हो गई है और पार्टी के विपक्ष के नेता का पद खोने का खतरा पैदा हो गया है।

    इस बीच उत्तम कुमार रेड्डी व विक्रमार्का ने तेलंगाना उच्च न्यायालय से संपर्क कर विधानसभा अध्यक्ष के कांग्रेस विधायकों के टीआरएस में विलय की कार्रवाई को चुनौती दी है। इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *