तेलंगाना में चुनाव से कुछ दिन पहले कांग्रेस को जबरदस्त झटका लगा है। वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नेता आबिद रसूल ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। वो टीआरएस में शामिल होंगे। वह तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष थे।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को लिखे पत्र में रसूल ने कहा कि वो पार्टी के बर्ताव से दुखी हैं इसलिए उन्हें इस्तीफा देना पड़ रहा है। उन्होंने अपने इस्तीफ़ा देने के दो कारण बताये – पहला कारण शाइक अब्दुल सोहेल की अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति। उन्होंने कहा कि सोलह का कोई सामाजिक आधार नहीं है। और दूसरा कारण ये है कि कांग्रेस ने रेड्डी, एससी, काममा और बीसी समुदायों के कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए, लेकिन मुस्लिम समुदाय से कोई भी नहीं। 15-18% मुस्लिम जनसंख्या का पार्टी लीडरशिप के सामने कोई महत्व नहीं है। पार्टी को सिर्फ उनके वोटों की जरूरत है, उन्हें सशक्त बनाना नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी पर पैंट के नीचे खाकी पहने संघियों का कंट्रोल हो गया है।
अपने इस्तीफे से पहले रसूल ने कहा था कि पार्टी, जिन जिलों में जीतने की संभावना है, उन्हें उस जिले के निर्वाचन क्षेत्रों में मुस्लिमों को टिकट देना चाहिए।
उन्होंने पत्रकारों से बताया, ‘वो हमें नामांकित पद नहीं देना चाहते हैं, हमें राजनीतिक अवसर नहीं देना चाहते हैं, उन्हें सिर्फ हमारे वोट चाहिए। हमारी पार्टी और बीजेपी के बीच क्या अंतर है?’
7 दिसंबर को होने वाले चुनाव के लिए कांग्रेस ने 75 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। 75 उम्मीदवारों में से पार्टी ने सिर्फ 4 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है।
राज्य में कांग्रेस का तेलुगु देशम पार्टी, तेलंगाना जन समिति और सीपीआई के साथ गठबंधन है। राज्य में कांग्रेस 93 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि शेष सीटें उसने सहयोगियों के लिए छोड़ी है।