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    तेजस्वी यादव

    पटना, 12 मई (आईएएनएस)| लोकसभा चुनाव के छठे चरण में रविवार को बिहार की आठ सीटों पर मतदान हो रहा है। इस दौरान राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बिहार के लोगों के नाम एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा है। इधर, सत्तारूढ़ जद (यू) ने भी इस पत्र के जवाब में बिहारवासियों को पत्र लिखकर तेजस्वी पर कटाक्ष किया है।

    तेजस्वी ने बिहारवासियों के नाम लिखे पत्र में जेल में बंद अपने पिता लालू प्रसाद के लिए खेद जताते हुए कहा है कि उन्हें साजिशन इस चुनाव में प्रचार से दूर रखा गया। उन्होंने बिहार की जनता का पिता की अनुपस्थिति में उनका समर्थन करने के लिए धन्यवाद करते हुए राजद के लिए वोट की अपील भी की है।

    tejaswi letter

    तेजस्वी ने अपने पत्र में बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर केंद्र सरकार और उसकी नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा है कि साम्प्रदायिक ताकतों से उनकी लड़ाई अभी भी जारी है।

    उन्होंने लिखा है, “एक नया बिहार बनाने में आपने जो बढ़-चढ़ कर मेरा साथ दिया है, उससे मुझे भी शक्ति मिली है कि अपनी हर एक सांस को बिहार की सेवा के लिए समर्पित करूं। हर उस इंसान के दुख दर्द को दूर करूं, जो नीतीश-मोदी राज के नकारेपन का शिकार हुआ है।”

    इस पत्र को उन्होंने ट्विटर पर भी साझा किया है।

    तेजस्वी ने कहा, “हम सब साथ मिलकर इस अन्यायी सत्ता को जड़ से उखाड़ेंगे, अत्याचारी अन्धेरे को घर में घुसकर हटाएंगे, पर हिंसा से ‘तीर’ चलाकर नहीं, प्यार से ‘लालटेन’ जलाकर।” उन्होंने लोगों को राजद को जिताने की अपील की।

    तेजस्वी के इस पत्र के कुछ ही देर बाद जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी बिहार के लोगों के नाम पत्र लिखकर तेजस्वी पर निशाना साधा।

    नीरज ने पत्र में कटाक्ष करते हुए तेजस्वी को अनुकंपा की राजनीति करने वाला बताते हुए कहा कि परिवारवाद की राजनीति करने वाले अनुकंपा पर राजनीति में आए नेता अब बिहार के लोगों को पत्र लिख रहे हैं, परंतु इस पत्र में भी अपनी ‘लालटेन’ की लौ से ‘हाथ’, ‘पंखा’, ‘नौका’ को लगता है ‘जला’ दिए हैं। यही कारण है कि पत्र में वह केवल अपनी ही पार्टी राजद को विजयी बनाने की अपील कर रहे हैं। महागठबंधन के अन्य दलों को भूल गए।

    उन्होंने पत्र में लिखा है, “बिहार की महान जनता आप सबों को बिजली मिल रही होगी, इस कारण लालटेन की जरूरत समाप्त हो गई है। वैसे भी लालटेन बिहार के लिए भ्रष्टाचार, उन्माद, अवैध संपत्ति का प्रतीक बनकर रह गई है।”

    उन्होंने आगे लिखा है, “इमानदारी की ‘झोपड़ी’ में रहकर वीर पुरुष ‘तीर’ थामे ‘कमल’ खिलाने को आतुर है, परंतु अवैध तरीके से अर्जित भवनों में तो दम घुटता है। अनुकंपा की राजनीति करने वालों को चारा घोटाले में सजा काट रहे अपने पिता जी से यह पूछना चाहिए कि आखिर बिहार में शिक्षण-प्रशिक्षण विद्यालय क्यों बंद करवा दिए थे?”

    पत्र के माध्यम से नीरज ने सलाह दी है, “आप जैसे पुत्र को जेल में बंद अपने पिता की सेवा की चिंता करनी चाहिए, क्योंकि मेवा आप खाइएगा तो सेवा कौन करेगा?”

    उन्होंने आगे कहा है, “बिहारवासियों देश के नवनिर्माण, भ्रष्टाचारमुक्त देश और राज्य बनाने के लिए एक मजबूत और इमानदार नेता की जरूरत है। मजबूत राष्ट्र और विकसित राष्ट्र की ओर देश बढ़ चला है, अब बिहार के लोग उस ‘जंगलराज’ को कभी नहीं आने देंगे।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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