‘डांस दीवाने 2’ के जज तुषार कालिया हाल ही में दिल्ली में होस्ट अर्जुन बिजलानी के साथ शो का प्रचार कर रहे हैं। तुषार जिन्होंने ‘ए दिल है मुश्किल’ जैसी फिल्मो की कोरियोग्राफी की है, ने दिल्ली टाइम्स से बात करते हुए डांस रियलिटी शो को साइन करने से पहले आशंका, स्कूल में कत्थक सीखने में संकोच और फैंस के लगातार अनुरोध के बाद भी अभिनय न करने के बारे में बात की।
उन्होंने बताया कि कैसे वह शुरुआत में ‘झलक दिखला जा’ नहीं करना चाहते थे। उनके मुताबिक, “मैं ‘झलक’ नहीं करना चाहता था, मेरे माता-पिता ने मुझपे दवाब डाला। मैं शुरू में हिचकिचा रहा था पर अगर ‘झलक’ नहीं होता तो मैं यहाँ नहीं होता।”
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नहीं सीखना चाहते थे कत्थक…
तुषार ने मुंबई जाने से पहले दिल्ली में कलारी, छऊ और कंटेम्पररी में आठ साल तक प्रशिक्षण लिया, लेकिन यह उनकी माँ थी जिन्होंने उन्हें डांस करने के लिए प्रेरित किया। तुषार कहते हैं-“मेरी माँ के कारण डांस किया, वह एक कथक डांसर है और मेरे स्कूल में एक डांस टीचर भी थी। वह चाहती थी कि मैं गंभीरता से डांस को लूँ, लेकिन मैं बिल्कुल भी कथक नहीं सीखना चाहता था क्योंकि उस समय मुझे ये स्त्रैण (feminine) लगता था। मुझे तब डांस का कोई ज्ञान नहीं था। एक दिन, मैं दिल्ली के कमानी सभागार में एक प्रदर्शन देखने गया था, मेरे गुरु संतोष नायर वहाँ प्रदर्शन कर रहे थे और प्रदर्शन कलारी, छऊ और कंटेम्पररी का संयोजन था। जब मैंने उसे देखा, तो मैं उसे सीखना चाहता था और अगले दिन, मैंने कक्षाओं में दाखिला ले लिया।”
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माँ ने किया ‘झलक दिखला जा’ करने के लिए प्रेरित…