रूस ने मंगलवार को कहा कि “उनकी तुर्की को जुलाई में एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली डिलीवर करने की योजना है।” अमेरिका ने तुर्की को धमकी दी थी कि अगर वह रूस से रक्षा समझौते को आगे बढ़ाता है तो उस पर भी प्रतिबन्ध लगाए जायेंगे और इससे दोनों देशों के बीच सम्बन्ध भी खराब हो सकते हैं।
तुर्की और अमेरिका के बीच महीनो से सार्वजनिक स्तर पर मतभेद जारी है और इसके कारण रूस से अंकारा का एस-400 प्रणाली को खरीदना है। वांशिगटन ने तुर्की को अपनी एफ-35 लड़ाकू विमान कार्यक्रम से हटाने की धमकी दी थी। अगर अंकारा एस-400 की डिलीवरी को स्वीकार करता है तो अमेरिका उस पर प्रतिबन्ध थोप सकता है।
तुर्की ने कहा कि अमेरिकी प्रतिनिधियों ने सोमवार को एस-400 की खरीद की आलोचना की थी और आग्रह किया कि यह प्रतिबन्ध अस्वीकृत धमकी है। मंगलवार को मॉस्को में यूरी उषाकोव ने पत्रकारों से कहा कि “रूस और तुर्की के बीच में हुआ समझौता तय समय पर पूर्ण किया जायेगा। यह को द्विपक्षीय समस्याएं नहीं है।”
सरफेस टू एयर मिसाइल के जुलाई में डिलीवरी होने के बाबत उन्होंने कहा कि “हाँ, हमारी यही योजना है।” एक दिन पूर्व ही रूस के सेर्गेई चेमेजोव ने कहा था कि “मॉस्को अगले दो महीने में एस-400 की डिलीवरी अंकारा को करना शुरू कर देगा।” तुर्की के यह डिलीवरी जल्द से जल्द जून में हो सकती है।
अमेरिका ने तुर्की से एस-400 की डील को रद्द करने का आग्रह किया है और अगर अंकारा ने इसे स्वीकार किया तो प्रतिबन्ध लगाए जायेंगे। इसके प्रतिक्रिया में तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहा कि “उनकी विदेश नीति और न्यायिक प्रणाली पर गैर निष्पक्ष और निराधार आरोपों को लगाकर बदनाम किया जा रहा है।”
राष्ट्रपति रिचप तैयप एर्डोगन को पश्चिम और रूस के साथ संबंधों को संतुलित करने में काफी परेशानी हो रही है। इसके आलावा अमेरिका तुर्की और अन्य राष्ट्रों पर ईरान को अलग-थलग करने के लिए दबाव बना है। विदेशी मामलो की समिति के अध्यक्ष एलियट एंगेल ने कहा कि “हम दुर्लभ ही ऐसा विदेशी मामलो में देखते हैं, यह आर-पार का मामला है इसमें कोई बीच का रास्ता नहीं है। या तो तुर्की के राष्ट्रपति समझौते को रद्द कर दें या न करे।”
उन्होंने कहा कि “रूस के हथियारों और अमेरिकी के एफ-35 दोनों साथ होने का भविष्य तुर्की में नहीं है। यहां कोई तीसरा विकल्प नहीं है।”
मंगलवार को तुर्की के राष्ट्रपति रिचप तैय्यप एर्डोगन ने कहा कि “उनका देश रूस के साथ किये गए समझौते को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।” अमेरिकी अधिकारीयों ने कहा कि “तुर्की को अमेरिकी पेट्रियट एयर डिफेन्स सिस्टम को खरीदने का चयन करना चाहिए न कि एफ-35 कार्यक्रम को जारी रखने के लिए बहस करनी चाहिए।”
अमेरिका की सेना के इतिहास में एफ-35 सबसे अधिक खर्चीला कार्यक्रम है और इसे साल 1990 में लांच किया गया था। पेंटागन के आंकलन के मुताबिक, इसकी लागत 400 अरब डॉलर है और इसका लक्ष आगामी एक दशक में 2500 विमाओ का उत्पादन करना है।