तुर्की में स्थित सऊदी दूतावास में पत्रकार जमाल खस्सोगी की हत्या के दोषियों को सऊदी से तुर्की को सौंपने की बात कही थी। सऊदी अरब ने 18 अपराधियों को सौंपने से इंकार कर दिया है। अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि इस हत्या से मिडिल ईस्ट में अस्थिरता बढ़ जाएगी।
सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने कहा कि आरोपी सऊदी अरब के निवासी हैं। उन्हें सऊदी में कैद रखा गया है, उनकी जांच सऊदी में ही होगी और सज़ा भी सऊदी अरब में भुगतेंगे।
सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खस्सोगी शादी से संबंधित दस्तावेजों के लिए इस्तांबुल में सऊदी दूतावास में गए थे। इस दौरान दूतावास में उनकी हत्या कर दी गई थी। तुर्की ने जांच में बताया कि सऊदी के दूतावास में पत्रकार की हत्या के बाद शव के टुकड़े कर दिए गए थे। सऊदी ने शुरुआत में इस हत्या को कबूल करने से इनकार कर दिया हालांकि कुछ समय बाद सऊदी ने कबूल किया कि पत्रकार की हत्या पूछताछ के दौरान हुई थी।
सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने कहा कि हम इस संकट से उभर जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस केस की जांच की जा रही है जल्द ही सच्चाई सबके सामने होगी। हम गुनाहगारों को पकड़ लेंगे और ऐसी तकनीक का इस्तेमाल करेंगे कि भविष्य में ऐसी कोई घटना घटित न हो। सूत्रों के मुताबिक 18 आरोपियों में से 5 खुफिया विभाग के अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है और दो आरोपी क्राउन प्रिंस के खेमे में बरकरार है।
पत्रकार जमाल खस्सोगी का शव अभी भी लापता है। तुर्की के राष्ट्रपति रिच्चप तैयब ने कहा कि सऊदी को पत्रकार का शव दिखाना होगा। उन्होंने कहा कि 18 दोषियो को पता है कि कातिल कौन है। उन्होंने कहा कि अपराधी उन्हीं 18 में से एक है, अगर ऐसा नही है तो स्थानीय षड्यंत्रकर्ता कौन है, सऊदी को बताना ही होगा।
पत्रकार जमाल की मंगेतर हेतिस सेंगीज़ ने कहा कि अगर उन्हें पता होता कि सऊदी के दूतावास में उनकी हत्या की साजिश रची गयी है तो वह कभी जमाल खस्सोगी को वहां जाने नही देती। उन्होंने कहा कि मैं मांग करती हूं कि इस हत्या में शामिल ऊपर से नीचे तक के अधिकारियों को सज़ा मिलनी चाहिए।