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    भारतीय क्रिकेट टीम दक्षिण अफ्रीका

    24 जनवरी से शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट मैच से पहले भारतीय टीम ने वांडरर्स में अभ्यास किया। भारतीय टीम के अन्य अभ्यास सत्र की तरह इस अभ्यास सत्र में भी कोई खास बात नहीं थी। भारतीय टीम ने फुटबॉल के खेल से अभ्यास सत्र शुरू किया। फुटबॉल खेलने के बाद भारतीय टीम ने बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण का अभ्यास किया। अगर आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो भारतीय टीम पहली बार विराट कोहली की कप्तानी में हारी हुई शृंखला का टेस्ट मैच खेलेगी।

    फुटबॉल मैच खेलने के बाद भारतीय टीम ने 3 घंटे से भी ज्यादा अभ्यास किया। सबसे पहले मुरली विजय के एल राहुल और चेतेश्वर पुजारा ने नेट्स में बल्लेबाजी की। इस बात से जाहिर था कि भारतीय टीम शीर्ष क्रम की मजबूती पर ध्यान दे रही थी। अभ्यास सत्र में मुरली विजय को पहली गेंद ईशांत शर्मा ने फेंकी, गेंद ऑफ-स्टंप से काफी बाहर थी, मुरली विजय थोड़ा आगे बढ़े और गेंद को जाने दिया।

    अभी तक खेले गए दो टेस्ट मैच की चार पारियों में मुरली विजय ने 17.25 की औसत से सिर्फ 69 रन बनाए हैं और यह भारतीय टीम के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। 4 साल पहले जब मुरली विजय वांडरर्स में खेल रहे थे तो उन्होंने मैच में 136 गेंदों में 45 रन बनाये थे, इस पारी में उन्होंने गजब का संयम दिखाया था और ऑफ स्टंप से बाहर की गेंदों को बेवजह नहीं छेड़ा था। इसका फायदा उनको डरबन टेस्ट में मिला जहाँ उन्होंने 97 रन बनाये। इस पारी के बाद मुरली विजय सुर्खियों में आ गए थे।

    दक्षिण अफ्रीकी दौरे से पहले भारतीय सलामी जोड़ी की साझेदारी का औसत 34.20 था (आंकड़े 2015 के मध्य से है)। इस शृंखला की 2 टेस्ट की चार पारियों में भारतीय टीम की सलामी जोड़ी ने 21.25 की औसत से साझेदारियां की है। 33 वर्षीय विजय ने इस शृंखला में ज्यादा रन नहीं बनाए हैं लेकिन विराट कोहली को इस सलामी बल्लेबाज से काफी उम्मीदें हैं और अनुमान है कि मुरली विजय को तीसरे टेस्ट में भी खेलने का मौका मिलेगा।

    मुरली विजय के साथ-साथ के एल राहुल और चेतेश्वर पुजारा ने भी अभ्यास सत्र में काफी पसीना बहाया। दोनों ने बड़े शॉट नहीं खेलने के प्रयास किए। हालांकि के एल राहुल और चेतेश्वर पुजारा दोनों ने घुटने में हल्की चोट की शिकायत की। पुजारा ने बाएं घुटने में परेशानी की शिकायत की। के एल राहुल को इशांत शर्मा की गेंद पर मामूली सी चोट लगी थी और बर्फ से उनका उपचार किया गया। ये मामूली चोटें है और इससे इन दोनों बल्लेबाजों की तीसरे टेस्ट मैच में खेलने की संभावनाओं पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। दोनों बल्लेबाजों ने क्षेत्ररक्षण के अभ्यास में हिस्सा लिया जिससे जाहिर है कि ये चोटे बहुत मामूली है।

    इस शृंखला में भारतीय टीम की बल्लेबाजी काफी हद तक कप्तान विराट कोहली पर निर्भर रही है। और इस बात में कोई शक नहीं है कि विराट कोहली पर दोनों टेस्ट मैच में दोहरा दबाव था। इस शृंखला के दोनों टेस्ट में उपकप्तान अजिंक्य रहाणे की खराब फॉर्म के कारण टीम में शामिल नहीं किया गया था और उनकी जगह रोहित शर्मा को खिलाया गया। रहाणे ने भी इस अभ्यास सत्र में हिस्सा लिया, उन्होंने स्पिनर्स के खिलाफ बल्लेबाजी का अभ्यास किया। उसके बाद उन्होंने आर श्रीधर के साथ गली और फर्स्ट स्लिप में कैच पकड़ने का अभ्यास किया, उसके बाद उन्होंने तेज गेंदबाजों के खिलाफ बल्लेबाजी का अभ्यास किया। उम्मीद है कि रहाणे को वांडरर्स में खेलने का मौका मिलेगा।

    अगर अभ्यास सत्र से तीसरे टेस्ट की भारतीय टीम का अनुमान लगाया जाये तो लगता है कि टीम मैनेजमेंट पार्थिव पटेल को ही तीसरे टेस्ट मैच में मौका देगा। दूसरे टेस्ट मैच में पार्थिव पटेल ने काफी कैच छोड़े थे, इस वजह से वो आलोचकों के निशाने पर भी है। टीम के दूसरे विकेट-कीपर साहा चोटिल है और साहा स्थानापन्न खिलाड़ी के तौर पर दिनेश कार्तिक को दक्षिण अफ्रीका बुलाया गया है।

    सेंचुरियन में पिच तेज गेंदबाजों के काफी अनुकूल नहीं थी और दक्षिण अफ्रीकी कप्तान फाफ डू प्लेसी ने इस बात को लेकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी। पिच क्यूरेटर के मुताबिक वांडरर्स में फाफ डू प्लेसी को मनचाही पिच मिलेगी यानी पिच तेज गेंदबाजों के अनुकूल होगी। भारतीय टीम ने वांडरर्स के मैदान पर ही 2006 में साउथ अफ्रीका को हराया था। पिच क्यूरेटर के अनुसार पिच इस तरह से बनाया गया ही की मैच का नतीजा निकलेगा। पिच क्यूरेटर ने कहा कि पिच में गति के साथ-साथ बाउंस भी होगा। पिच पर काफी घास छोड़ी गई है।