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    तीन तलाक पर हो सकता है संसद में आज बिल पेश सकती है

    पिछले लंबे समय से तीन तलाक पर चली आ रही बहस आज खत्म हो सकती है। लोकसभा में आज इस मुद्दे से जुड़े बिल को पेश किया जा सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बिल पर कांग्रेस भी सहमत है। माना जा रहा है कि तीन तलाक के विरोध में कांग्रेस केंद्र सरकार का समर्थन आज कर सकती है।

    विपक्षी पार्टी ने राहुल गांधी की अगुवाई में इस मुद्दे पर बहस की। बैठक में पार्टी इस मुद्दे पर सहमत दिखी कि तीन तलाक को खत्म करना चाहिए। अब यह लगभग तय है कि सरकार को इस मुद्दे पर कानून बनाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। इस विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी मिल चुकी है।

    पहले यह माना जा रहा था कि विधेयक को इसी हफ्ते पेश किया जा सकता है लेकिन संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने बाद में मीडिया को बताया कि इसे अगले मसौदे को अगले सप्ताह पेश किया जाएगा।

    तीन तलाक के विरोध में है मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

    हालंकि सरकार यह दावा कर रही है कि तीन तलाक पर मसौदे को सभी मुस्लिम समाज के प्रमुख जानकारों, संगठनों और संस्थानों के साथ विचार विमर्श करने के बाद बनाया गया है लेकिन बावजूद इसके इस बिल पर कई मुस्लिम संगठन अपना विरोध जता रहे है।

    मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
    मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने किया है तीन तलाक का विरोध

    इस बिल के विरोध में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि यह कानून महिलाओं के लिए गलत है और इससे समाज में असमानता आएगी। बोर्ड ने इस कानून को इस्लाम विरोधी और तीन साल की सजा देने वाले प्रस्तावित मसौदे को क्रिमिनल एक्ट करार दिया है।

    कुछ इस तरह का है बिल

    तीन तलाक पर जो विधेयक सरकार संसद में लाने जा रही है उसके मुताबिक माना जा रहा है कि अब महिलाओं को किसी भी प्रकार से गलत ढंग से तलाक देना कानूनी अपराध होगा और उसके लिए सजा तय है।

     तीन तलाक पर हो सकती है तीन साल की जेल
    तीन तलाक पर हो सकती है तीन साल की जेल

    तीन तलाक पर सरकार द्वारा ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ के नाम से बनाए गए कानून के मुताबिक कोई भी तलाक जो मौखिक, लिखित या मैसेज (व्हाट्सप्प, फेसबुक या अन्य किसी भी माध्यम द्वारा) द्वारा दिया जाएगा वो कानूनी स्वीकार्य नहीं होगा और इसे अपराध माना जाएगा।

    ऐसा करने पर तीन साल की सजा के साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है। जुर्माने की राशि कितनी होगी, यह फैसला मजिस्ट्रेट का होगा।