भाजपा के लिए संसद में मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही और ये मुश्किलें विपक्ष की तरफ से कम और भाजपा के अपने सहयोगियों की तरफ से अधिक खड़ी की जा रही है। जहाँ एक तरफ शिवसेना विपक्ष के साथ सुर में सुर मिला कर राफेल पर जेपीसी की मांग कर रही है वहीँ पार्टी के लिए दूसरी परेशानी राज्यसभा में जदयू की तरफ से खड़ी हो गई है।
बिहार में भाजपा की सहयोगी जनता दल यूनाइटेड ने कहा है कि वो राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर सरकार के खिलाफ वोट करेगी। बिल की आलोचना करते हुए जेडीयू ने कहा कि इस बिल पर जल्दबाजी की जा रही है।
विपक्ष इस बिल को मुस्लिम विरिधि बताते हुए चयन समिति के पास भेजने की मांग कर रह अहै जबकि सर्कात्र साफ़ कर चुकी है कि बिल इसी स्वरुप में पास होगा और इसमें कोई संसोधन नहीं होगा।
जेडीयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा है कि “ये बिल जल्दबाजी में लाया जा रहा है। हमें लगता है कि जिस तरह से इस विधेयक को लाया जा रहा है, वह टालने योग्य है और हमें लगता है कि अधिक परामर्श होना चाहिए था।”
जेडीयू के इस रुख से सरकार को झटका लगा है क्योंकि राज्यसभा में भाजपा पहले से ही बहुमत में नहीं है ऐसे में जेडीयू जैसे सहयोगी दल का नकारात्मक रुख सरकार के लिए परेशानी का सबब है।
बिहार से भाजपा के राज्यसभा सांसद सीपी ठाकुर ने कहा कि इस मुद्दे को रानीतिक दल वोटबैंक की नज़र से देख रहे हैं इसलिए कोई इसे पास नहीं करना चाहता। ठाकुर ने कहा, “कुछ राजनीतिक दलों को लगता है कि अगर वे ट्रिपल तालाक बिल का समर्थन करते हैं, तो वे एक विशेष समुदाय के वोट खो देंगे।”
सूत्रों के अनुसार बिहार के मुख्यमंत्री ने राज्य के विधि आयोग से इस पर राय मांगी कि क्या पार्टी अल्पसंख्यक समुदाय पर कोई एजेंडा लागू कर सकती है?
जेडीयू के सूत्रों का कहना है कि विधेयक में तीन तलाक को आपराधिक कृत्य माना गया है, जिसमे ट्रिपल तालक के मामले में तीन साल के कारावास का प्रावधान है। सूत्रों ने यह भी कहा कि पार्टी चाहती है कि मुस्लिम समुदाय के हितधारकों से बिल पर विचार-विमर्श किया जाए।