कॉंग्रेस ने गुरुवार को एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि यदि इस बार उसकी सरकार बनती है तो कॉंग्रेस सबसे पहले तीन तलाक कानून को खत्म कर देगी।
कॉंग्रेस की अल्पसंख्यक इकाई की एक बैठक में कॉंग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने कहा है कि ‘कॉंग्रेस पार्टी ने संसद में भी तीन तलाक बिल का विरोध किया था। इसी के साथ अगर कॉंग्रेस पार्टी सत्ता में आई तो सबसे पहले तीन तलाक कानून को खत्म कर देगी।’
इस बैठक में कॉंग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी सम्मिलित हुए थे। हालाँकि देव ने अपने बयान को बचाते हुए यह कहा है कि कॉंग्रेस पार्टी महिलाओं के अधिकारों और उन्हे ताकत मुहैया करवाने वाले सभी कानून का समर्थन करेगी, चाहे वो किस भी पार्टी द्वारा पेश किए गए हों।
इसी के साथ ही देव ने महिला विंग की सदस्यों से भी मुलाक़ात की, जिन्होने तीन तलाक मुद्दे पर राय रखने के लिए उनका धन्यवाद किया।
कॉंग्रेस सांसद ने अपने बयान में कहा है कि ‘बहुत से लोगों से हमसे कहा है कि तीन तलाक कानून से मुस्लिम महिलाओं को ताकत मिलेगी, लेकिन हम जानते हैं कि इस कानून के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुस्लिम पुरुषों को जेल में डालना चाहते हैं।’
हालाँकि देव के इस बयान का त्वरित विरोध करते हुए भाजपा ने कहा है कि ‘मुस्लिम महिलाएं कॉंग्रेस की इस ‘ओछी मानसिकता’ के लिए उन्हे कभी माफ नहीं करेंगी।’
मालूम हो कि भाजपा ने बहुत लंबे समय थक तीन तलाक मुद्दे पर कॉंग्रेस को घेरा है, इसी के साथ भाजपा अभी कुछ दिनों पहले ही अध्यादेश के जरिये इस कानून को जमीन पर उतारने में सफल हुई है।
भाजपा का शुरू से ही मानना रहा है कि इस कानून के आने से मुस्लिम महिलाओं को ताकत मिलेगी।
तीन तलाक बिल फिलहाल राज्य सभा में अटका हुआ है। विपक्ष का मानना है कि इस कानून का गलत इस्तेमाल मुस्लिम युवकों के खिलाफ किया जा सकता है।