तीन तलाक पर आज सरकार बिल लोकसभा में पेश करने वाली है। माना जा रहा था कि सरकार को इस मुद्दे पर तमाम विपक्षी दलों का साथ मिलेगा और बिना किसी बड़े विरोध के वो इस बिल को पास करवाने में सफल हो जाएगी लेकिन इस बिल पर अब तमाम मुस्लिम संगठनों सहित विपक्षी नेताओं का विरोध भी बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।
इस बिल पर बीजेपी का दावा है कि इसे तमाम मुस्लिम संगठनों, इस्लाम के जानकारों, और मुस्लिम सस्थानों के विचार विमर्श के बाद बनाया गया है तथा मुस्लिम समाज के महिलाओं से मसपडे को बनाते वक्त राय भी ली गयी है। मसौदे को बनाते वक्त इस बात का ख़ास ख्याल रखा गया है कि तीन तलाक का कानून मुसलमान समाज या इस्लाम के विपरीत ना हो।
मुस्लिम लॉ बोर्ड ने किया कानून का विरोध
मुस्लिम लॉ बोर्ड इस मामले में सरकार का विरोध पहले ही कर चुकी है। बोर्ड ने इस कानून को इस्लाम विरोधी बताया है बोर्ड का कहना है कि यह बिल मुस्लिम समाज के अनुसार नहीं बनाया गया है और इससे समाज में असमानता आएगी। बोर्ड ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे महिलाओं के लिए गलत बताया है।
बिल पर कांग्रेस भी विरोध में
पहले माना जा रहा था कि इस बिल पर कांग्रेस का मिजाज फिफ्टी फिफ्टी है। कहीं-कहीं कांग्रेस इस बिल का समर्थन कर भी रही थी और कही-कही बिल का विरोध कर थी लेकिन अब कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने बिल के खिलाफ बयान दिया है।
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा है कि “मुझे नहीं लगता कि इस बिल का समर्थन करना चाहिए क्यूंकि अब तक इस बिल को समझाने में सरकार विफल रही है। सरकार यह बताए कि अगर मुस्लिम युवकों को तलाक देने के हक़ से वंचित कर भी दिया गया तो इससे महिलाओं का शशक्तिकरण कैसे हो जाएगा? अगर कोई विवाहित जोड़ा अपने दांपत्य जीवन से खुश नहीं है तो उसके पास तलाक के अलावा अब क्या रास्ता शेष रह जाएगा?
I don't think we can support it because they didn't made us understand how this criminality of Triple Talaq will benefit women. If someone is lodged in prison as a punishment for saying Triple Talaq, who will take care of his family: Salman Khurshid, Congress on #TripleTalaqBill pic.twitter.com/C6OgzzGH07
— ANI (@ANI) December 28, 2017
उन्होंने यह भी प्रश्न किया किया कि “अगर ट्रिपल तलाक एक जुर्म है तो फिर व्यक्ति अपने परिवार का पालन पोषण कैसे करे?”
असद्दुदीन ने भी किया विरोध
इस बिल का विरोध अब असद्दुदीन ओवैसी ने भी कर दिया है। ओवैसी ने संसद में एक नोटिस के माध्यम से इस कानून का विरोध किया है। बता दे कि आज तीन तलाक से जुड़ा बिल सदन में पेश होने वाला है। लोकसभा में अगर बिल को आज बहुमत नहीं मिलेगा तो यह अटक सकता है।
I have given a Notice to oppose the introduction of Muslim Women (Protection of Rights on Marriage Bill) 2017 under rule 72 in Lok Sabha pic.twitter.com/YvLl1ntcqh
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 28, 2017
इस मुद्दे पर ओवैसी सरकार के एक दम विपक्ष हो गए है। उन्होंने कहा कि “यह बिल किसी भी तरह से सही नहीं है क्यूंकि इससे महिलाओं का हक़ मारा जा रहा है साथ ही बिल को इस तरह से तैयार किया गया है जिससे नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है” ओवैसी ने यह भी कहा कि “महिलाओं के नाम पर इस तरह के बिल की कोई जरूरत नहीं है क्यूंकि महिलाओं की सुरक्षा के लिए देश में पहले से ही प्रयाप्त कानून है”
कानून मंत्री ने किया बिल का समर्थन
बिल पर कानून मंत्री रविशंकर ने सरकार का समर्थन करते हुए कहा है कि लोग इस बात को समझे कि “यह कानून किसी धर्म या जाति से नहीं जुड़ा बल्कि महिलाओं के गरिमा से जुड़ा हुआ है।
इस क़ानून को महिलाओं के विकास और सुरक्षा के लिए बनाया जा रहा है। कानून मंत्री ने कहा तीन तलाक के कारण समाज में महिलाओ के साथ अन्याय हो रहा है उन्हें घरों और संपत्तियों से निकला जा रहा है और उनका समाजिक बहिष्कार किया जा रहा।
कुछ इस तरह का है बिल
तीन तलाक पर जो विधेयक सरकार संसद में लाने जा रही है उसके मुताबिक माना जा रहा है कि अब महिलाओं को किसी भी प्रकार से गलत ढंग से तलाक देना कानूनी अपराध होगा और उसके लिए सजा तय है।
तीन तलाक पर सरकार द्वारा ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ के नाम से बनाए गए कानून के मुताबिक कोई भी तलाक जो मौखिक, लिखित या मैसेज (व्हाट्सप्प, फेसबुक या अन्य किसी भी माध्यम द्वारा) द्वारा दिया जाएगा वो कानूनी स्वीकार्य नहीं होगा और इसे अपराध माना जाएगा।
ऐसा करने पर तीन साल की सजा के साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है। जुर्माने की राशि कितनी होगी, यह फैसला मजिस्ट्रेट का होगा।