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    तिब्बत और चीन

    तिब्बत (Tibet) के स्वायत्त क्षेत्र के चेयरमैन चे डलहा ने क्षेत्र के विकास में इंफ्रास्ट्रक्चर, कारोबार, संस्कृति, वित्त और तकनीक में अंतरराष्ट्रीय मदद की मांग की थी। तिब्बत में आला स्तर के मंच को सम्बोधित करते हुए चेयरमैन ने कहा कि “हमें इंफ्रास्ट्रक्चर, कारोबार, संस्कृति, वित्त और तकनीक में अंतरराष्ट्रीय मदद की जरुरत है।”

    उन्होंने कहा कि “तिब्बत ट्रांस-हिमालय मल्टी डायमेंशनल कनेक्टिविटी नेटवर्क के विस्तार का भी सक्रियता से प्रचार कर रहा है।” करीब 70 विदेशी सरकारी अधिकारी, बुद्धिजीवि, पत्रकार और आला अधिकारीयों ने इस सम्मेलन में भाग लिया था। जिसका फोकस बीआरआई के जरिये तिब्बत में योजनाओं और नए अवसरों को लाना था।

    चीनी सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव वैश्विक क्षेत्र में प्रभुत्व कायम करने के लिए हैं। वह यूरोप, एशिया और अफ्रीका के देशों में संरचनाओं का विकास और निवेश करेंगे।

    चीनी अकादमी ऑफ़ सोशल साइंस में रिसर्चर वांग यंजहोंग ने कहा कि “तिब्बत एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जिसे दक्षिण एशियाई देशों के सहयोग की जरुरत है।” चीन ने अप्रैल में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के दुसरे सम्मेलन का आयोजन अप्रैल में हुआ था।

    चीनी एकाडमी ऑफ़ मैक्रोइकॉनॉमिक में क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ शेन बिंग ने कहा कि “सिल्क रोड में फलांग लगाने से तिब्बत शेष राष्ट्र के लिए काफी खुल गया है। सीगाज़े तिब्बत की सीमा के बेहतर देशों में से एक है। चीन और दक्षिण एशिया के बीच बेहतर व्यापार को बढ़ाने के लिए आधार बनेगा। इसमें सीमा व्यापार के लिए छह बंदरगाह और 28 स्पॉट है।

    उन्होंने कहा कि “सीगाज़े में 10 वर्ष की शिक्षा के बाद वहां 400000 से अधिक सदस्यों का कर्मचारी दस्ता है। इसे क्षेत्र को खोलने के लिए एक मज़बूत भूमिका अदा करनी चाहिए।” रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 में तिब्बत का आयात और निर्यात 4.8 अरब युआन है। उद्यमों ने इस क्षेत्र में 28 करोड़ का निवेश किया है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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