अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने तालिबान के साथ शान्ति वार्ता को रद्द करने के निर्णय का ऐलान किया है। अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पियो ने सोमवार को कहा कि “प्रशासन समझौते पर अभी कार्य कर रहा है और जब तक तालिबान अपनी प्रतिबद्धताओं को नहीं निभाता यह कार्य आगे नहीं बढेगा।”
शान्ति समझौते पर प्रशासन का कार्य जारी
तालिबान ने बीते हफ्ते काबुल में हुए एक हमले की जिम्मेदारी ली थी जिसमे एक अमेरिकी सैनिक सहित 10 लोगो की मृत्यु हुई थी। ट्रम्प ने शनिवार को ऐलान किया कि वह तालिबान के साथ शान्ति वार्ता को रद्द कर रहे हैं और डेविड शिविर में समूह के प्रतिनिधियों के साथ गुप्त वार्ता को भी रद्द किया जाता है।
पोम्पियो ने सीएनएन से बातचीत में कहा कि “राष्ट्रपति ने सही निर्णय लिया है। बैठक को रद्द करने का निर्णय यह संकेत देता है कि यदि तालिबान सही व्यवहार नहीं करेगा तो अमेरिका दबाव को कम नहीं करेगा। तालिबान अपने ही मुल्क के भीतर आतंकी हमलो को अंजाम देकर वार्ता का लाभ उठाने की कोशिश कर रहा है।”
उन्होंने कहा कि “राष्ट्रपति ट्रम्प ने वार्ता से पीछे हटकर सही निर्णय लिया है। इस तरीके के बुरे व्यवहार के लिए तालिबान को ईमान देने का कोई तुक नहीं बनता है।”
ट्रम्प के वार्ता को रद्द करने के निर्णय के बावजूद पोम्पियो ने कहा कि प्रशासन अभी शांति समझौते पर कार्य कर रहा है और गुरुवार को काबुल में बम धमाके के दौरान वह समझौते के काफी करीब थे। उन्होंने कहा कि “अभी काफी कुछ करना बाकी है लेकिन अंत में यह प्रतिबद्धता पर अटका नहीं रह जायेगा, यह कार्रवाई के बारे में होगा। हम उस परिणाम की तरफ बढ़ना जारी रखेंगे।”
तालिबान ने रविवार को कहा कि “अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शान्ति वार्ता को रद्द करने का फैसला अविश्वसनीय है और यह ट्वीट खेदजनक है और इसने उनकी विश्वसनीयता को भारी क्षति पंहुचाई है।”
अमेरिका और तालिबान के बीच बीते सप्ताहांत में शान्ति प्रस्ताव पर नौवे चरण की वार्ता वार्ता हुई थी। यह वार्ता अफगानी सरजमीं से हजारो सैनिको की वापसी पर केन्द्रित थी और इसके बदले तालिबान ने अफगानी सरजमीं पर आतंकवादी समूहों को पनाह न देने का संकल्प लिया है।