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    अफगानी सेना

    अफगानिस्तान के सबसे बड़े शहरो में से एक कुंदुज़ में एक नए हमले को अंजाम दिया है जबकि चरमपंथी समूह और अमेरिकी सेना के बीच वार्ता का दौर जारी है। चरमपंथी अफगानी सरजमीं से सभी विदेशी सेनाओं को बाहर जाने की मांग कर रहे हैं और अब उनका अफगानिस्तान के अधिकतर इलाके में नियंत्रण है।

    करीब 20000 अमेरिकी और नाटो सेना अभी भी अफगानिस्तान में हैं। उनका अफगानी सेना को प्रशिक्षण करना और तालिबान के लडाको से लड़ने में समर्थन करता है। राष्ट्रपति के प्रवक्ता सदीक सिद्दीकी ने कहा कि “अफगान की सुरक्षा सेना ने अफगानिस्तान के कई शहरो में हमले का प्रतिकार किया था।

    उन्होंने ट्वीटर पर कहा कि “हमेशा की तरह तालिबान ने नागरिक इलाको में पानी पोजीशन ले ली है।” प्रांतीय परिषद् के सदस्य गुलाम रबानी रबानी ने कहा कि “शहर का अस्पताल तालिबान के नियंत्रण में था और जारी लड़ाई में दोनों पक्षों के लोग हताहत हुए थे।”

    प्रांतीय पुलिस प्रमुख के प्रवक्ता सईद सरवर हुसैनी ने कहा कि “तालिबान ने रात भर शहर के कई अलग-अलग स्थानों से बड़े पैमाने पर हमलो को अंजाम दिया था। उन्होंने कहा कि “मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि शहर के चारों ओर बेहद लड़ाई जारी है लेकिन तालिबान किसी भी सुरक्षा जांच के कारण आगे नहीं बाढ़ पाया था।”

    तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक ट्विटर पोस्ट में इस हमले को बड़े पैमाने का करार दिया था। तालिबान ने नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले जारी रखे हैं जबकि 18 साल के युद्ध को समाप्त करने के लिए कतर में अमेरिकी शांति दूत के साथ तालिबानी प्रतिनिधियों ने मुलाकात की थी। शनिवार को दोनों पक्षों के बीच बातचीत हुई थी। हाल के दिनों में दोनों पक्षों ने संकेत दिया है कि वे शान्ति समझौते के काफी करीब हैं।

    तालिबान ने  2015 में लगभग दो सप्ताह में कुंदुज़ पर नियंत्रण कर लिया था। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “अमेरिका तालिबान के साथ शान्ति समझौते पर पंहुचने के बाद अफगानिस्तान की सरजमीं पर सैनिको की कटौती कर 8600 की तैनाती करने की योजना बना रहा है।”

    अफगानिस्तान में अभी अमेरिका के 14000 सैनिक मौजूद है और वह न्यूनतम स्तर तक सैनिको की संख्या को कम करने की कोशिश करेंगे। डोनाल्ड ट्रम्प ने निरंतर कहा कि वह अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिको की वापसी चाहते हैं। तालिबान के साथ अफगानी शान्ति प्रक्रिया का नेतृत्व अमेरिका कर रहा है।

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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