अफगानिस्तान में अमेरिका के विशेष शान्ति राजदूत ज़लमय खलीलजाद मंगलवार को क़तर की राजधानी दोहा के लिए निकल चुके हैं ताकि तालिबान के साथ समझौते को मुकम्मल किया जा सके। अफगानिस्तान में 18 वर्षों से संघर्ष का दौर जारी है।
राजदूत ने कुछ घंटे पहले ही ट्वीट कर कहा कि वांशिगटन में फलदायी सप्ताह। हमे प्रबंधको को अपनी मौजूदा स्थिति और अगले कदम के बारे में बताया है। पटरी पर वापस आ गए हैं और पहला स्टेशन दोहा होगा जहां हम शेष मामलो को सुलझाने की कोशिश करेंगे। हम तैयार है और तालिबान को देखा बाकी है।”
अमेरिका के राज्य विभाग ने बयान में कहा कि खलीलजाद काबुल की यात्रा पर भी जायेंगे ताकि अफगान सरकार के नेतृत्व से शान्ति प्रेअक्रिया पर चर्चा कर सके और उन्हें आंतरिक अफगान वार्ता के लिए प्रोत्साहित कर सके। अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो की सेना को वापस बुलाने के लिए वांशिगटन के साथ तालिबान की वार्ता जारी है।
बीते हफ्ते ट्रम्प ने बताया था कि सेना की वापसी की प्रक्रिया अभी जारी है। राष्ट्रपति ने कहा कि “हमारी तालिवान के साथ बेहद अच्छी चर्चा हुई थी। देखते है क्या होता है। हम सैनिको की संख्या 13000 से कम कर देंगे और या फिर हम इसे और कम लेकर आयेंगे और इसके बाद हम फैसला करेंगे कि हमें यहाँ लम्बे समय तक रहना है या नहीं रहना।”
तालिबान के प्रमुख वार्ताकार ने इस माह के शुरुआत में कहा कि “हम इस बाबत प्रतिबद्ध है कि जब अमेरिका के साथ सैनिको की वापसी के समझौते पर दस्तखत किये जायेंगे और समयसीमा दी जाएगी और अंतरराष्ट्रीय भागीदार अंतिम समझौते के गवाह होंगे इसके बाद ही हम आंतरिक अफगान वार्ता को आयोजन करेंगे।”