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    तालिबान के आतंकी

    अफगानिस्तान में शान्ति के लिए अमेरिका और तालिबान के बीच शान्ति वार्ता जारी है। अमेरिका ने कहा कि तालिबान के साथ वार्ता में चार पहलुओं पर फोकस किया जा रहा है। इसमें आतंकवाद से लड़ाई और सैनिकों की वापसी भी शामिल है।

    अफगानिस्तान में अमेरिका में विशेष शान्ति दूत जलमय ख़लीलज़ाद के नेतृत्व में एक अमेरिकी प्रतिनिधि समूह ने क़तर के दोहा में तालिबान के उच्च प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी। 17 वर्षों के इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक समझौते को करार करने के लिए कई दौर में बैठकों का आयोजन होगा।

    अमेरिकी राज्य विभाग के प्रवक्ता रोबर्ट पालडिनो ने कहा कि “यह चर्चा जारी है। वे आपस में जुड़े चार मसलों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं ताकि भविष्य में कोई समझौता हो सके। वह चार मसले आतंकवाद से लड़ाई, अफगान के भीतर बातचीत, सैनिकों की वापसी और सीजफायर है।”

    एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा कि “बातचीत जारी है, लेकिन काफी कार्य करना अभी शेष है। हम इस पर ध्यान दे रहे हैं। हमारे बीच काफी बैठकों का आयोजन किया जा रहा है और हम सभी पक्षों को इन मसलों पर कार्य करने के लिए पर्याप्त समय दे रहे हैं। जलमय ख़लीलज़ाद इस मसले पर रोजाना बात करते हैं और प्रगति हो रही है।”

    दो अमेरिकी सांसदों टॉम उडाल और रोल के अनुसार “9/11 के हमलावर अफगानिस्तान से ऐसे हमले करने के काबिल नहीं होंगे। ओसामा बिन लादेन को साल 2011 में मार गिराया था और अलकायदा को अफगानिस्तान से बाहर खदेड़ दिया गया था। कभी न खत्म होने वाली जंग ने हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर किया है।”

    उन्होंने कहा कि “यह कांग्रेस थी को 18 वर्षों से जारी जंग पर नियंत्रण करने में असफल रही थी। अब हमें उठना होगा और अमेरिकी जनता की सुननी होगी। जो इस जंग की समाप्ति में बुद्धिमता पर सीधे सवाल पूछ रही है।”

    हाल ही में यूएई में तालिबान प्रतिनिधियों ने अफगान सरकार के अधिकारीयों, अमेरिकी राजदूत व अन्य लोगों से शांति के बाबत बातचीत की थी। साल 1996-2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार रही थी। केवल सऊदी अरब, यूएई और पाकिस्तान ने तालिबान की सरकार को मान्यता दी थी।

    नवम्बर में नाटो के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अशरफ गनी की सरकार का प्रभाव या नियंत्रण 65 फीसदी जनता पर है लेकिन अफगानिस्तान के 407 जिले ही अफगान सरकार के पास है। तालिबान के दावे के मुताबिक वह देश के 70 फीसदी भाग पर नियंत्रण करता है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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