अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रविवार को उज़्बेकिस्तान के विदेश मंत्री अब्दुल अज़ीज़ कमीलोव से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की और तालिबान और अफगान सरकार के बीच शान्ति वार्ता की मेज़बानी करने का प्रस्ताव दिया था। दोनों देशों ने द्विपक्षीय हितों के कई मसलों पर चर्चा की। इसमें शान्ति प्रक्रिया, इंफ्रास्टक्टर, विकास और दोनों देशों के बीच आर्थिक सम्बन्ध है।
बातचीत के दौरान उज़्बेकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे कमीलोव ने अफगान नेतृत्व और अफगान नियंत्रित शान्ति प्रक्रिया को उज़्बेकिस्तान का समर्थन देने की प्रतिक्रिया जाहिर की है। दक्षिण एशिया के देश में अफगान सरकार दो दशकों से जारी युद्ध का अंत करना चाहती है।
टोलो न्यूज़ ने कमीलोव के हवाले से कहा कि “अगर तालिबान सीधे तौर पर अफगान सरकार से बातचीत को तैयार है तो उज़्बेकिस्तान इसकी मेज़बानी करने के लिए तैयार है।” दोनों देशों के बीच सम्बन्ध सौहार्दपूर्ण है। काबुल और ताशकंत के बीच संयुक्त ढांचागत परियोजना के लागू होने से द्विपक्षीय सहयोग में बढ़ावा होगा।
अशरफ गनी ने कहा कि “दिसंबर 2017 में समरकंद की यात्रा के दौरान उन्होंने आर्थिक, स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़े कई समझौतों पर हस्ताक्षर किये थे। हमर फोकस संयुक्त सहयोग में है जिससे क्षेत्रीय शान्ति और स्थिरता कायम रहे।”
उज़्बेकिस्तान के प्रतिनिधियों ने अफगानिस्तान के राष्ट्रिय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्लाह मोहिब से मुलाकात की और द्विपक्षीय सम्बन्ध, सुरक्षा, शान्ति प्रक्रिया और आतंक विरोधी प्रयासों के बाबत बताया था।
मुलाकात के दौरान कमीलोव ने अफगान नेतृत्व और अफगान नियंत्रित शान्ति प्रक्रिया को उज़्बेकिस्तान का समर्थन देने की प्रतिक्रिया को दोहराया था।
पाकिस्तान नें मध्यस्ता के लिए की थी कोशिश
आपको बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान की इमरान खान सरकार की कोशिश थी कि तालिबान और अफगानिस्तान के बीच बातचीत में पाकिस्तानी उनकी मदद करे। इस बात पट हालाँकि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी तैयार नहीं हुए थे।
प्रधानमंत्री इमरान खान नें पिछले सप्ताह बताया था कि वे तालिबान से मुलाकात करने वाले थे, लेकिन अफगानिस्तान सरकार इससे राजी नहीं है।
डॉन के मुताबिक, इमरान खान नें कहा था, “मेरी मुलाकात तालिबान के प्रतिनिधि से होने वाली थी, लेकिन अफगानिस्तान सरकार इससे राजी नहीं थी, जिसकी वजह से यह मुलाकात रद्द हो गयी थी।”
जाहिर है प्रधानमंत्री इमरान खान पिछले महीने क़तर के दौरे पर थे, जहाँ वे तालिबान के अधिकारीयों से मुलाकात करने वाले थे। लेकिन दौरे के अंतिम दिन इस मुलाकात को रद्द कर दिया गया था।