अफगानिस्तान के अधिकारीयों ने बताया कि तालिबान के हालिया हमले में पूरे देश में 17 पुलिसकर्मियों की जान गयी है। उत्तरी बदख्शां प्रान्त के प्रवक्ता निक मोहम्मद नाज़री ने कहा कि “अर्घंज खोवा के जिले में शुक्रवार को तीन पुलिसकर्मियों की मृत्यु हो गयी है।”
दा हिन्दू के मुताबिक प्रांतीय पुलिस प्रमुख ग़ुलाम दाऊद तराखिल ने कहा कि “तालिबान ने पूर्वी ग़ज़नी प्रान्त में भीषण हमले किये हैं। तालिबान ने गुरूवार को दो चौकियों को निशाना बनाया और नौ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। घंटे भर की गोलीबारी के बाद तालिबान को भारी नुकसान के साथ खदेड़ दिया गया था।”
प्रांतीय परिषद् के उप प्रमुख असदुल्लाह ककर ने कहा कि “पांच पुलिसकर्मियों को गुरूवार को दक्षिणी पूर्वी जाबुल प्रान्त के शिनके जिले में मार दिया गया था।”
तालिबान के प्रवक्ता जुबबीहुल्लाह मुजाहिद ने इस तीनो आतंकी हमलो की जिम्मेदारी ली है। इसके आलावा गवर्नर के प्रवक्ता असदुल्लाह दौलतज़ई ने कहा कि गुरूवार को पूर्वी लघमन प्रान्त में एक मोर्टार स्थानीय घर में धस गयी थी, जिसमे दो बच्चों की मौत हो गयी थी।
तालिबान और अफगान सरकार के बीच सालो से संघर्ष छिड़ा हुआ हैं। अमेरिकी और तालिबानी अधिकारीयों के बीच 17 वर्ष के युद्ध की समाप्ति के लिए वार्ता का दौर जारी है। हालाँकि अभी कोई निष्कर्ष नहीं निकला है।
अफगानिस्तान नें की जवाई कार्यवाई
तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पुलिस पर हमले के बाद अफगानिस्तान की विशेष फाॅर्स नें कल शाम तालिबान के अड्डों पर एयर स्ट्राइक की।
इन एयर स्ट्राइक में कम से कम 12 तालिबानी आतंकवादी ढेर हो गए हैं। ये एयर स्ट्राइक अफगानिस्तान के दक्षिणी हेलमंड और दक्षिणी पक्तिका इलाके में किये गए थे।
अफगानिस्तान की सेना के मुतबिक बरमाल डिस्ट्रिक्ट के पक्तिका इलाके में हुई एयर स्ट्राइक में कम से कम दो तालिबानी आतंकवादी ढेर हो गए हैं।
सूत्रों नें आगे यह भी बताया कि अफगान स्पेशल फाॅर्स नें हेलमंड इलाके की नहर-ए -सराज डिस्ट्रिक्ट में भी एयर स्ट्राइक की, जिसमें कम से कम 8 तालिबानी आतंकवादी ढेर हुए हैं।
हेलमंड इलाके के मूसा कलह डिस्ट्रिक्ट में हुई एयर स्ट्राइक में 1 तालिबानी आतंकवादी ढेर हुआ जय, जबकि एक की घायल होने की खबर है।
तालिबान की ओर से हालाँकि अब तक इस एयर स्ट्राइक के बारे में कोई बयान नहीं आया है। जाहिर है कल जब तालिबान नें अफगानिस्तान पुलिस पर हमला किया था, तब उन्होंनें तुरंत बयान जारी कर अपनी करतूत को स्वीकार कर लिया था।
अमेरिका नें अफगानिस्तान से जाने की कही थी बात
अमेरिका पिछले 18 सालों से अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। इस दौरान अमेरिकी सरकार नें अरबों डॉलर खर्च किये हैं।
वर्तमान डोनाल्ड ट्रम्प सरकार नें कहा था कि वे अफगानिस्तान से अपनी सेना को वापस बुला लेंगे क्योंकि इसका ज्यादा फायदा नहीं हो रहा है।
अब हालाँकि कई लोगों का कहना है कि डोनाल्ड ट्रम्प अपने फैसले पर फिर से विचार कर सकते हैं।
पेंटागन से सम्बंधित एक संस्था नें कहा है कि यदि अमेरिका अभी अफगानिस्तान से निकलता है, तो आने वाले समय में वहां मौजूद महिलाओं और बच्चों के हित में यह नहीं है।
संस्था नें चिंता जाहिर की है कि यदि अमेरिका अपनी सेना वापस बुला लेता है तो तालिबान और अफगानिस्तान सरकार मिलकर सरकार चलाएंगे और यह वहां के लोगों के हित में नहीं है।
इस रिपोर्ट में आगे कहा गया,
विदेशी देशों की आर्थिक सहायता के बिना अफगानिस्तान सरकार अपना देश नहीं चला सकती है।
उन्होनें कहा कि यदि अमेरिका यहाँ से बाहर जाता है तो अमेरिका में फिर से कट्टरवाद और हिंसा शुरू हो जायेगी।
विदेश सचिव माइक पोम्पिओ नें बुधवार को कहा था कि वे तालिबान से बातचीत का समर्थन करते हैं लेकिन साथ ही अमेरिका को आतंकवाद के खिलाफ कार्यवाई भी जारी रखनी चाहिए।