अफगानिस्तान के नांगरहार प्रान्त के शीरज़द जिले में सफगन सुरक्षा बलों के साथ तालिबान चरमपंथियों के संघर्ष में कम से कम 27 तालिबानी लड़ाके ढेर हो गए हैं। सरकार ने बयान जारी कर बताया कि “वार्षिक स्प्रिंग आक्रमण का ऐलान करने के कुछ घंटो बाद तालिबान ने जिला गवर्नर दफ्तर के नजदीक हमला करने की कोशिश की थी। लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें खदेड़ दिया और पराजित कर दिया था।”
बयान के मुताबिक तालिबान ने सुरक्षाबलों के साथ गोलीबारी के आलावा दो कारो में बम प्लांट भी किया था। गोलीबारी में अफगान सुरक्षा बल के दो सैनिक शहीद हो गए थे।
शुक्रवार को तालिबान ने फ़तेह अभियान की शुरुआत की थी, जिसका मतलब अरबी में जीत होता है। तालिबान ने बयान में कहा था कि “फ़तेह अभियान की शुरआत होगी जो पूरे अफगानिस्तान में संचालित किया जायेगा जिसका मकसद आधिपत्य को जड़ से खत्म करना और मुस्लिम राष्ट्र में भ्रष्टाचार व आक्रमण का सफाया करना है।”
अमेरिकी दो दशकों से अफगानिस्तान में जारी संघर्ष को खत्म करने के लिए कोशिशों में जुटा हुआ है। तालिबान और अमेरिकी अधिकारीयों के बीच कई स्तर की वार्ता क़तर में हो चुकी है।
अफगानी सुलह प्रक्रिया के अमेरिकी विशेष प्रतिनिधि जलमय ख़लीलज़ाद ने कहा कि “यह बयान लापरवाह है और यह अफगान शान्ति में जनता की मांगो पर तालिबान की उदासीनता को प्रदर्शित करता है।” संघर्ष को खत्म करने के लिए अमेरिकी प्रतिनिधि ने तालिबानी अधिकारीयों के साथ पांच चरणों की वार्ता कर ली है।
जलमय ख़लीलज़ाद ने ट्वीट कर कहा कि “तालिबान का संघर्ष अभियान की शुरुआत का बयान गैर जिम्मेदाराना है। सरकार ने सुरक्षा योजना का ऐलान किया है इसलिए हिंसा को बढ़ाना एक गैर जिम्मेदाराना सुझाव है। अफगानी जनता ने स्पष्ट तौर पर शान्ति की हिमायत की है।”
उन्होंने कहा कि “इस ऐलान से तालिबान अफगानी जनता की मांगो के प्रति उदासीनता का प्रदर्शनक कर रहा है। अधिक संघर्ष के ऐलान से शान्ति प्रयासों को हासिल नहीं किया जा सकता है। इस योजना को अमल में लाने से सिर्फ अधिक लोग जूझेंगे और हज़ारो की संख्या में हताहत होंगे।”
अफगान रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता क़ैस मंगल ने कहा कि “तालिबान अपने शातिर लक्ष्यों को कभी हासिल नहीं कर पायेगा और उसके अभियानों को बीते वर्षों की तरफ कुचल दिया जायेगा।”