अफगानिस्तान के अधिकारीयों और तालिबान के प्रतिनिधियों ने सोमवार को दोहा में दुसरे दिन शान्ति वार्ता को बहाल कर दिया है। क़तर की राजधानी दोहा में आंतरिक अफगान वार्ता का आयोजन किया गया है। इस सम्मेलन का आयोजन संयुक्त रूप से जर्मनी और क़तर ने किया है।
इस समारोह को दोनों पक्षों के बीच जमी बर्फ पिघालने वाले के तौर पर देखा जा रहा है जो देश में शान्ति वार्ता का नेतृत्व कर सकता है। 18 वर्षों से अफगानी सरजमीं पर जंग का माहौल बना हुआ है। इस सम्मेलन पर संतोष व्यक्त करते हुए अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने रविवार को अफगानी सरकार के साथ ही नागरिक समाज, महिलाओं और तालिबानी प्रतिनिधियों की एकजुट होकर बातचीत करने की सराहना की थी।
माइक पोम्पिओ ने ट्वीटर पर लिखा कि “शान्ति के लिए आंतरिक अफगान वार्ता का आयोजन लम्बे अंतराल के बाद दोहा में हो रहा है। उच्च सरकार, नागरिक समाज, महिलाओं और तालिबानी प्रतिनिधियों को एक टेबल पर एकजुट होकर देखना अद्भुत है।”
उन्होंने कहा कि “सभी अमेरिकियों को अफगानो के साथ अफगानो की बैठक को देखकर उल्लासित होना चाहिए। देश में संकट को खत्म करना और एकजुट होकर भविष्य का निर्माण करना एक चुनौतीपूर्ण टास्क है।”
वार्ता के पहले दिन को दोनों पक्षों ने बेहद सकारात्मक करार दिया था हालाँकि इस वार्ता पर तालिबान द्वारा अंजाम दिए गए गज़नी प्रान्त में आतंकी हमले का साया जरूर था। इस हमले में आठ लोगो की मृत्यु हो गयी थी और 50 से अधिक लोग बुरी तरह घायल हो गए थे।