एक सर्वे के मुताबिक कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर के बाद ताजमहल को दूसरा सबसे अच्छा यूनेस्को का विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया है। एक ऑनलाइन ट्रेवल पोर्टल ट्रिप एडवाइजर द्वारा आयोजित सर्वेक्षण में कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर को पहला स्थान व उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित ताजमहल को दूसरा स्थान दिया गया है।
विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक अंकोरवाट मंदिर को ट्रेवल पोर्टल ने पहला स्थान दिया है। इस सूची में प्रदर्शित अन्य स्मारकों में पेरू में दक्षिण अमेरिका के माचू पिचू, ब्राजील के इगाजु नेशनल पार्क, इटली का सासी ऑफ मटेरा, इजरायल का यरूशलम व तुर्की में इस्तांबुल के ऐतिहासिक क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इस लिस्ट में 1368 ईस्वी में उत्तरी क्यूई राजवंश के जू दा द्वारा निर्मित चीन की महान दीवार को भी शामिल किया है।
यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र का एक ऐसा संगठन है जो सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत स्थलों को सूचीबद्ध करता है। दुनिया भर के यात्रियों के सर्वोतम मूल्यांकन को शामिल किया जाता है। यूनेस्को में दूसरा सबसे प्रसिद्ध स्मारक ताजमहल को शामिल करना भारत का विश्व स्तर पर गौरव बढ़ाता है।
दुनिया के सात अजूबों में से एक है ताजमहल
गौरतलब है कि साल 1983 में ताजमहल को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामित किया गया था। ताजमहल को भारत में मुस्लिम कला का गहना और विश्व की विरासत के सबसे प्रशंसनीय कृतियों में से एक के रूप में वर्णित किया गया है।
ताजमहल स्मारक को देखने प्रतिवर्ष 8 मिलियन पर्यटक आते है। आगरा स्थित ताजमहल को दुनिया के सात अजूबों में से एक माना जाता है। सरकारी आंकडो के मुताबिक देश में हर चौथा विदेशी पर्यटक ताजमहल देखने जरूर जाता है।
लेकिन हाल के दिनों में ताजमहल को देखने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई है। ताजमहल को मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में सफेद संगमरमर के पत्थरों से बनाया था।