ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन ने कहा कि “उन्होंने ताइवान के राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग को चीन कर विरोध करने के लिए अधिक प्रयास करने के आदेश दिए हैं। चीन के ताइवान में घुसपैठ के प्रयासों को बढ़ाने और द्वीप पर अपने प्रभुत्व को बढ़ाने के संकेत मिल रहे हैं।”
राष्ट्रीय सुरक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में राष्ट्रपति ने कहा कि “प्रभुत्व कायम करने में चीन के अभियान में चुनावो में दखलंदाज़ी और फर्जी खबरों का फैलाव भी शामिल है। ताइवान के जलमार्ग में किसी भी प्रकार के सैन्य आक्रामकता को ताइवान रोक लेगा।” चीन ने बीते महीने द्वीप के नजदीक सैन्य ड्रिल की थी जिसमे युद्धपोत, बमवर्षक और एयरक्राफ्ट शामिल थे।
उन्होंने कहा कि “आधुनिक सैन्य उपकरणों से रक्षा क्षमता में सुधार होगा। ताइवान ने हाल ही में स्थानीय पनडुब्बी कार्य की शुरुआत की है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ताइवान के जलमार्ग पर भड़काऊ प्रदर्शन करना जारी रखेगी। ताइवान को जलमार्ग की यथास्थिति नष्ट कर रही है।”
अप्रैल में चीनी ड्रिल पर निगरानी के लिए ताइवान ने जेट भेजा था। अमेरिकी आला अधिकारी ने चीनी करतूत को बलप्रयोग करार दिया था और इसे क्षेत्रीय स्थिरता को खतरा बताया था। चीन के नजरिये से ताइवान एक सिद्धांत त्यागी प्रान्त है और उन्होंने कभी ताइवान को हासिल करने के लिए बलप्रयोग का इस्तेमाल नहीं किया है।
ताइवान की राष्ट्रपति त्साई द्वीप की आधिकारिक आज़ादी के लिए जोर दे रही है और उन्होंने राजनितिक और सैन्य दबाव को निरंतर बढ़ाया है। त्साई के मुताबिक, वह चीन के साथ यथास्थिति कायम रखना चाहती है लेकिन ताइवान की सुरक्षा और लोकतंत्र की भी रक्षा करेंगे।