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    ताइवान में मतदान का एक दृश्य

    ताइवान में स्थानीय चुनावों के लिए मतदान शनिवार से शुरू हो जायेंगे, यह चुनाव आज़ादी के समर्थन में रहे दल के लिए काफी मायने रखता है। ताइवान में समलैंगिक विवाह के लिए भी जनमत संग्रह कराया जायेगा। इन चुनावी परिणामो पर चीन ने निगाहें जमाई हुई है। ताइवान पर चीन अपने अधिकार का दावा और गर्व से उसे अपना बताता है।

    इन चुनावी नतीजो के बाद ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन पर भी दबाव बढेगा, राष्ट्रपति ने साल 2016 में राष्ट्रपति पद संभाला था, तभी से चीन ताइवान पर अपनी हुकूमत कबूलने का दबाव बनता रहा है। ताइवान की राष्ट्रपति चीन की मुखर आलोचक रही है, उन्होंने कहा कि इन चुनाव नतीजों को चीन अपनी राजनीतिक रणनीतियों और अफवाहों से प्रभावित करने की कोशिश करेगा। चीन ने इन आरोपों को खारिज किया है।

    ताइवान की राष्ट्रपति ने शुकवार को एक रैली के दौरान कहा कि यह लोकतंत्र के लिए लड़ाई है। उन्होंने कहा कि हमारा मतदान दुनिया को साबित कर देगा कि झूठी जानकारी और बाहरी दबाव ताइवान के लोकतंत्र और ताईवानी जनता के हौंसले को हरा नहीं पायेगा।

    चीन एकदलीय व्यवस्था वाला देश  है जबकि ताइवान बहुदलीय देश बनकर संघात्मक ढाँचे को अपनाना चाहता है। चीन ने अपने प्रभुत्व के कारण ताइवान के अधिकतर साझेदारों को उससे सभी समझौते खत्म कर लिए हैं। ताइवान की 1100 नगर निगम, शहरी, गाँवों  की सीटों पर सत्तासीन सरकार डेमोक्रेटिक प्रिग्रेसिव पार्टी का कब्ज़ा है। हालांकि बीते कुछ माह में ताइवान की जनता का सरकार से मोहभंग हुआ है।

    नागरिकों के मुताबिक राष्ट्रपति ने प्रदूषण पर रोकथाम और घाटे को कम करने के अपने वाडे से मुकर रही है। इसके आलावा शनिवार को समलैंगिक विवाह पर भी जनमत संग्रह होगा जो राष्ट्रपति के लिए चुनती साबित होगी, क्योंकि इस मसले पर ताइवान में दो धड़ बंटे हुए हैं।

    साल 2016 में चुनाव प्रचार के दौरान राष्ट्रपति ने निकाह समानता का वायदा किया था। ताइवान के संवैधानिक अदालत ने पिछले साल मई में समलैंगिक विवाह को संवैधानिक अधिकार माना था। इसके लिए प्रस्ताव लाने को सरकार ने दो वर्ष की समयसीमा दी थी।

    मतदाताओं से इसके अलावा साल 2020 में आयोजित टोक्यो ओलंपिक में चीनी तायपेई नाम से भागीदार बनने को लेकर भी सवाल किया जायेगा।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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