Sun. Nov 24th, 2024
    Stalin

    चेन्नई, 26 मई (आईएएनएस)| तमिलनाडु में इस बार का लोकसभा चुनाव स्पष्ट तौर पर द्रमुक प्रमुख एम.के. स्टालिन का शो रहा। उनका प्रचार अभियान और गठबंधन की रणनीति रंग लाई। यह कहना है एक राजनीतिक विश्लेषक का।

    उन्होंने यह भी कहा कि लगभग 11 फीसदी मतदाता अन्ना द्रमुक और द्रमुक के तीसरे विकल्प के पक्ष में हैं।

    राजनीतिक विश्लेषक झोन अरोकियासामी ने आईएएनएस से कहा, “स्टालिन राज्य में अपने दम पर एक राजनेता के रूप में उभरे हैं और उन्होंने एक पार्टी नेता के रूप में भी मजबूती से सबको जोड़े रखा। उन्होंने अच्छी रणनीति बनाकर मुख्यमंत्री के. पलनीस्वमी विरोधी हवा को मोदी विरोधी लहर में तब्दील कर दिया और उसे लगातार जारी रखा।”

    उन्होंने कहा, “उनका दूसरा सराहनीय कदम यह रहा कि चुनावी गठबंधन के घटकों को जोड़कर रखा और अंत में एक विकल्प पेश करते हुए राहुल गांधी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित किया। चुनाव प्रचार के दौरान गठबंधन के नेता हर निर्वाचन क्षेत्र में विवेकपूर्ण ढंग से वोट-बेस पर निर्भर रहे।”

    भाजपा के नेताओं ने कहा कि उनकी पार्टी के खिलाफ लगातार प्रचार किया गया, जिस कारण द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन को जीत मिली।

    अरोकियासामी के मुताबिक, तमिलनाडु में चुनावी संग्राम स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी हो गया था।

    उन्होंने कहा, “अगर कांग्रेस का साथ नहीं रहता और राहुल गांधी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार नहीं बताया जाता तो अल्पसंख्यक वोट द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन के पक्ष में एकजुट नहीं रह पाते। द्रमुक की भारी जीत की यही वजह है।”

    इस चुनाव में द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन ने अपने प्रतिद्वंद्वी अन्ना द्रमुक की अगुवाई वाले गठबंधन को पछाड़ते हुए लोकसभा की 39 सीटों में से 37 पर कब्जा जमाया है। राज्य में मतदान 18 अप्रैल को हुआ था।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *