तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार को केंद्र से किसानों की मांगों को स्वीकार करते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने का आग्रह किया और कहा कि इन कानूनों के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने का उनकी पार्टी का चुनावी वादा पूरा किया जाएगा। बता दे की कानूनों को वापस लेने का प्रस्ताव स्टालिन की पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) का चुनावी वादा था।
जबकि 26 मई को दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध के छह महीने पूरे हो गए है। उन्होंने एक बयान में कहा की “छह महीने बीत चुके हैं लेकिन केंद्र सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के लिए किसानों के साथ बातचीत करने की कोशिश नहीं की है। यह चिंता का विषय है कि केंद्र सरकार अब तक इन नए कानूनों को खत्म करने के लिए आगे नहीं आई है। जल्दबाजी में पारित तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए केंद्र सरकार को कदम उठाने होंगे।
द्रमुक के 2021 विधानसभा चुनाव घोषणा पत्र में लोगों को आश्वासन दिया गया था कि केंद्र सरकार से तमिलनाडु विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित करके इन तीन कानूनों को रद्द करने का आग्रह किया जाएगा।
पिछली अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) सरकार, भाजपा की सहयोगी ने इन नए कृषि कानूनों का समर्थन किया था और अभी भी इसका समर्थन करना जारी रखा है। अन्नाद्रमुक के प्रवक्ता सी वैगै कालवन ने कहा “हमने नए कानूनों का समर्थन किया क्योंकि वे किसानों को अपनी उपज बिना किसी बिचौलिए के बेचने की अनुमति देते हैं जिससे वे अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।”
मुख्यमंत्री ने केंद्र से ‘दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों की जायज मांगों को स्वीकार कर कृषि कानूनों को वापस लेने’ का आग्रह किया है, साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने किसानों को कृषि कानूनों पर आश्वासन दिया है की जाहिर तौर पर विधानसभा में एक प्रस्ताव सहित पहलुओं का जिक्र करते हुए यह वादा पूरा किया जाएगा।