पाकिस्तान में इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह से लौटने के बाद मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू आलोचकों के निशाने पर है।
कसौली के साहित्य सम्मेलन में शरीक हुए मंत्री सिद्धू ने विवादित बयान देकर आलोचकों के हाथ में एक और तीर थमा दिया है। साहित्य सम्मेलन में संस्कृति के विषय में चर्चा करते हुए सिद्धू ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के पंजाब की संस्कृति एकसमान है।
मंत्री सिद्धू ने कहा कि जब मैं तमिलनाडु जाता हूं तो मुझे वहां की भाषा के चंद लफ्ज़ ही समझ आते हैं और मुझे तमिलनाडु का भोजन भी नहीं पसंद। मैं लम्बे अरसे से वहां नहीं गया क्योंकि वहां की संस्कृति बिलकुल भिन्न है। लेकिन जब मैं पाकिस्तान जाता हूँ तो खुद को वहां से जुड़ा हुआ महसूस करता हुआ है। क्योंकि वहां पंजाबी और अंग्रेजी धाराप्रवाह बोली जाती है।
अकाली दल के प्रवक्ता ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू मंत्री के पद पर आसीन है उन्हें शब्दों के चयन सोचकर करना चाहि। इससे दूसरों को कोई नुकसान नहीं होगा। उन्हें अपने राष्ट्र की गरिमा को बनाये रखना चाहिए। मंत्री सिद्धू का बचाव में कहा कि उन्होंने कोई आपत्तिजनक बात नहीं कही है उनकी बयानों को तूल नहीं देना चाहिए।
पाकिस्तान की नवनिर्वाचित सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में नवजोत सिंह सिद्धू शरीक हुए थे। इस आयोजन के दौरान मंत्री ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जावेद कमर बाजवा से गले मिला मिलाया था। पाकिस्तानी सेना प्रमुख के करतारपुर बॉर्डर खोलने के बयान पर मंत्री सिद्धू ने भावनात्मक प्रतिक्रिया दी थी।
गौरतलब है कि मंत्री सिद्धू ने भारत लौटने के बाद सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर सीमा खुलवाने की बात कही थी। नवजोत सिंह सिद्धू ने सुषमा स्वराज को इस विषय पर कदम उठाने के लिए चिट्ठी सौंपी थी।
उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान अगले वर्ष गुरु नानक की सालगिरह पर करतारपुर सीमा को खोल देगा। अलबत्ता विदेश मंत्रालय पाकिस्तान की तरफ से किसी आधिकारिक अनुरोध के प्रस्ताव के लिए मना करता रहा है।