रेल मंत्री पीयूष गोयल

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आईआरसीटीसी और रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (सीआरआईएस) को निर्देश दिया है कि टिकटिंग घोटाले को देखते हुए साइबर सिक्योरिटी मजबूत की जाए। आप को जानकारी के लिए बता दें कि इसी हफ्ते सीबीआई ने एक सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर और आईआरसीटीसी के पूर्व कर्मचारी को कथित रूप से एक अवैध सॉफ्टवेयर संचालने में धर दबोचा है।

इन दोनों पर रेलवे आरक्षण प्रणाली सिस्टम ध्वस्त करने का आरोप है। आधिकारिक सूत्रों ने मीडिया को बताया कि इस अवैध सॉफ्टवेयर के जरिए कई एजेंट एक साथ केवल एक क्लिक पर सेकंडों में सैकड़ों टिकट बुक करा सकते हैं।

सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर और पूर्व आईआरसीटीसी कर्मचारी की गिरफ्तारी

सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा कि सीबीआई ने सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर अजय गर्ग तथा उसके साथी अनिल गुप्ता को सॉफ्टवेयर के विकास और उसे एजेंटों को बेचने के लिए गिरफ्तार कर लिया है। रेलवे ने अपने एक बयान में कहा कि, सीबीआई जांच के बाद जानकारी मिली है कि अजय गर्ग ही इस पूरे नेटवर्क का कर्ताधर्ता है।

इस पूरे प्रकरण में एक पूर्व आईआरसीटीसी कर्मचारी भी शामिल है। ये लोग भारतीय रेलवे टिकटों की अवैध बुकिंग विभिन्न एजेंटों के जरिए करा रहे थे। रेलवे की ओर से बयान में यह भी कहा गया है कि रेलवे टिकट की अवैध बुकिंग का यह खेल पहले से ही चल रहा था, जिसके चलते टिकटों की कमी हो जाती थी।

रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने ऐसे अवैध काम करने वाले लोगों के खिलाफ अभियान जारी रखने का निर्देश जारी कर दिया है, ताकि यात्रियों को असुविधा का सामना ना करना पड़े। अधिकारियों का कहना है कि जौनपुर से 10 तथा मुंबई से तीन एंजेट पकड़े जा चुकी हैं, तथा उनकी पहचान भी की जा चुकी है।

सीबीआई जांच में पता चला है कि 35 वर्षीय अजय गर्ग बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर चयन प्रक्रिया के तहत आईआरसीटीसी में साल 2012 में शामिल हुआ। गर्ग आईआरसीटीसी में बतौर सहायक प्रोग्रामर काम करता है। वह आईआरसीटीसी टिकट सॉफ्टवेयर की कमजोरियों को भलीभांति जानता है।

सीबीआई ने छापेमारी में की बारामदगी

सीबीआई ने दिल्ली, मुंबई और जौनपुर में कुल 14 जगहों पर छापेमारी की। जिसके दौरान कुल 89.42 लाख रुपए, 61.29 लाख रूपए के सोने के गहने, 15 लैपटॉप, 15 हार्ड डिस्क्स, 52 मोबाइल फोन, 24 सिम कार्ड, 10 नोटबुक, छह राउटर, चार डोंगल और 19 पेन ड्राइव्स बरामद की।

26 दिसंबर की रात अजय गर्ग को सीबीआई ने हिरासत में लेकर अपनी निगरानी में रखा था, इसके बाद उसी रात ​अनिल गुप्ता को भी जौनपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। रेलवे प्रवक्ता के अनुसार दोनों को पांच दिन के लिए सीबीआई हिरासत में भेजा गया है। दोनों को सीबीआई की हिरासत के पांच दिनों के लिए भेजा गया है, प्रवक्ता ने कहा।

सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर ऐसे लगाता था रेलवे को चूना

सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर अजय गर्ग ने आईआरसीटीसी की साइट हैक कर एक ऐसा प्रोग्राम तैयार किया था जिसके जरिए उसके एजेंट एक बार लगभग 1000 आईआरसीटीसी तत्काल टिकट बुक करते थे। अजय गर्ग ने आईआरसीटीसी की साइट हैक कर एजेंटों के माध्यम से अवैध तत्काल टिकटिंग के जरिए लाखों रूपए कमाए।

आपको बता दें कि आमतौर पर पीएनआर नंबर सुनिश्चित होने में लगभग 20 सेकंड का समय लगता है लेकिन अजय गर्ग आईआरसीटीसी कैप्चा के जरिए बैंक ओटीपी तथा फॉर्म को बाईपास करते हुए फर्जी आईपी पते तथा विभिन्न यूजर आईडी के जरिए मात्र कुछ ही सेकंड में सैकड़ों की संख्या तत्काल टिकट बुकिंग कराने में सक्षम था। तत्काल टिकटिंग घोटाले के बाद से रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आईआरसीटीसी और रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (सीआरआईएस) को साइबर सुरक्षा मजबूत करने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।