अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र द्वारा सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या की फ़ेडरल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन के जांच के आग्रह को खारिज कर दिया था। एनबीसी की प्रेस से इंटरव्यू में ट्रम्प से खशोगी की हत्या की जांच देने के बाबत पूछा था।
उन्होंने कहा कि “मेरे ख्याल से इस मामले की पूरी तफ्तीश हो चुकी है। जांच के खत्म होने के बाबत उन्होंने कहा कि सबने की थी, मेरा मतलब। मैंने कई विभिन्न रिपोर्ट्स को देखा है।” सऊदी सरकार के मुखर आलोचक खशोगी ने द वांशिगटन पोस्ट में एक लिखा था।
खशोगी की हत्या इस्तांबुल में सऊदी अरब के दूतावास में हुई थी। बीते हफ्ते संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञ ने कहा कि “सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की खशोगी की हत्या में जांच होनी चाहिए और इसका कारण विश्वसनीय सबूत है कि वह और आला अधिकारी हत्या के लिए जिम्मेदार है।”
क्राउन प्रिंस अमेरिका के राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार और दामाद जारेड कुशनर के करीबी सहयोगी है। ट्रम्प ने कहा कि “सऊदी अरब पश्चिमी एशिया के देशों से अधिक ज्यादा बुरा नहीं है, वह एक शातिर, भयावह स्थान है। ईरान को देखे, अन्य देशों को देखे मैं नामो को नहीं लेना चाहता हूँ।”
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “मैं कोई बेवक़ूफ़ नहीं है और कहा कि मैं उनके साथ कारोबार नहीं करना चाहता हूँ। अगर वे हमारे साथ कारोबार नहीं करना चाहते हैं, आप जानते है कि क्या करना है? वे रुसी और चीनियों के साथ कारोबार करना चाहते हैं। हम विश्व में बेहतरीन उपकरण बनाना चाहते हैं लेकिन वे रूस और चीन से सिर्फ बेहतर उपकरण खरीदना चाहते हैं।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि “अमेरिका सऊदी अरब का संरक्षण करने जा रहा है, वह हमसे 400 अरब डॉलर के हथियारों को खरीदने जा रहा है। सऊदी 150 अरब डॉलर की भारी रकम के सैन्य उपकरणों को खरीदेंगे। हम सैन्य उपकरण का इस्तेमाल करते है अन्य देशों की तरह हमारे पास पैसे की कमी नहीं है और हम सब चीजों को सब्सिडी दे सकते हैं। इसलिए सऊदी अरब अमेरिकी उत्पादों का बड़ा खरीददार है। मेरे लिए इसका कुछ मतलब है, वह बड़ा रोजगार उत्पादक है।”
सऊदी अरब ने नियमित तौर पर हत्या में सलमान के शामिल होने से इंकार किया था और दिसंबर 2018 में अमेरिका ने सीनेट के प्रस्ताव को ख़ारिज किया था जिसके तहत पत्रकार की हत्या के आदेश के लिए क्राउन प्रिंस की निंदा की गयी थी।