Sun. Nov 17th, 2024
    यरूशलम अमेरिका इजरायल फिलीस्तीन

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को यरूशलम मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कड़ा झटका मिलने वाला है। राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा यरूशलम को इजरायल की राजधानी घोषित करने के बाद दुनिया के कई देशों में विरोध-प्रदर्शन व आलोचन हो रही है।

    इसी के मद्देनजर आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ऐसा प्रस्ताव लाया जा रहा है जिसमें यरूशलम मुद्दे पर अमेरिका की मान्यता को खारिज कर दिया जाएगा।

    संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में पारित किए जाने वाले प्रस्ताव में यह पुष्टि होगी कि ट्रम्प द्वारा किया गया यरूशलम की स्थिति में कोई भी परिवर्तन कानूनी रूप से प्रभावी नहीं होगा। साथ ही यरूशलम को इजरायल की राजधानी घोषित करने की अमेरिका की घोषणा को भी रद्द किया जाएगा।

    मिस्त्र ने ये ड्राफ्ट शनिवार को तैयार किया था और अब सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद वोट दे सकती है। मौजूदा ड्राफ्ट में कहा गया है कि यरूशलम मुद्दे का हल वार्ता के माध्यम से सुलझाया जा सकता है।

    साथ ही इसमें विशेष रूप से ट्रम्प का उल्लेख नहीं है। अपितु ट्रम्प के नाम के बिना ही लिखा हुआ है कि यरूशलम की स्थिति से संबंधित हाल के फैसलों पर गहरा अफसोस व्यक्त किया जाता है।

    संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में पुष्टि की जाएगी कि यरूशलम से संबंधित कोई भी घोषणा व फैसला जो यरूशलम के चरित्र, स्थिति या जनसांख्यिकीय संरचना के बदलाव से संबंधित है, उसका कोई कानूनी प्रभाव नहीं होगा।

    यरूशलम से संबंधित लिए गए सभी फैसले पूरी तरह से शून्य है व इन्हें रद्द किया जाना चाहिए। संभावना जताई जा रही है कि अमेरिका इस प्रस्ताव पर अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल भी कर सकता है।

    फिलीस्तीन के पूर्वी यरूशलम में दूतावास खोलेगा तुर्की

    तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान ने कहा है कि वो जल्द ही फिलीस्तीन के पूर्वी यरूशलम में एक दूतावास को खोलने वाला है। राष्ट्रपति एर्दोगान ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की कड़ी निंदा करते हुए विश्व को आग्रह किया था कि सभी पूर्वी यरूशलम को फिलीस्तीन की राजधानी माने। वहीं पिछले हफ्ते इस्लामिक राज्य संगठन ने भी पूर्वी यरूशलम को फिलीस्तीन की राजधानी के रूप में मान्यता दी थी।

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की दुनिया में बड़े स्तर पर आलोचना की जा रही है। इस फैसले का विश्वव्यापी विरोध किया जा रहा है। इंडोनेशिया, पाकिस्तान व फिलीस्तीन सहित कई देशो में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इस प्रदर्शन में शनिवार को भी चार फिलीस्तीनीयों की मौत हो गई थी और सैकड़ो लोग घायल हो गए थे।