अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने साल 2020 के राष्ट्रपति चुनावो तक अफगानिस्तान में सैनिको की संख्या को कम करने के आदेश दिए हैं। अमेरिका के राज्य सचिब माइक पोम्पियो ने कहा कि “यह अमेरिका के राष्ट्रपति की तरफ से मेरे निर्देश है। अगले राष्ट्रपति चुनावो से पूर्व हम अफगानिस्तान में अपनी सैनिको की संख्या में कमी कर देंगे।”
अफगानी सरजमीं से अमेरिकी सैनिको की वापसी
साल 2016 में राष्ट्रपति चुनावी अभियान के दौरान ट्रम्प ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिको की वापसी का संकल्प लिया था और अमेरिका के सब्स्से लम्बे युद्ध को खत्म करने का ऐलान किया था। अमेरिका के इतिहास में सबसे लम्बी जंग के अंत के लिए ट्रम्प प्रशासन ने अपने प्रयासों में तेजी की है।
अफगानी सरजमीं पर अमेरिका ने साल 2001 से 2400 से अधिक सैनिको को गंवाया है। 9/11 आतंकी हमलो के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में दखल दिया था। अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि ज़लमय खलीलजाद समझौते के लिए अफगानिस्तान के साथ चर्चा कर रहे हैं।
इस समझौते में अमेरिकी सैनिको की वापसी और अफगान सरकार में विद्रोही समूह के शामिल होना है। उन्होंने कहा कि “ट्रम्प गैर मकसद है: कभी न खत्म होने वाली जंग को खत्म करना चाहते हैं। इस दृढ़ता को समस्त यूरोप और विश्व के देशों ने समर्थन दिया है।”
आतंकी रोधी प्रयास जारी है
हालाँकि उन्होंने अफगानिस्तान से सैनिको की वापसी की समयसीमा को नहीं बताया था। उन्होंने कहा कि “मैं समयसीमा नहीं बता सकता हूँ लेकिन मैं आशावादी हूँ। हम सिर्फ तालिबान के साथ बातचीत नहीं कर रहे हैं। वह कहानी है। इस मामले का सच यह है कि हम सभी अफगानों के साथ बातचीत कर रहे हैं।”
बीते हफ्ते अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी से फोन पर बातचीत में पोम्पियो ने कहा कि “मैं विपक्षियो से वार्ता करना रहा हूँ, जो सरकार में शामिल नहीं है। हम तालिबानी अधिकारीयों से बातचीत कर रहे हैं।” माइक पोम्पियों के मुताबिक, यहाँ हिंसा को कम करने का मार्ग है, सुलह की जा सकती है और सुनिश्चित है कि अफगानिस्तान में आतंक रोधी प्रयासों का सम्मान किया जाए और अमेरिका में जोखिम को कम किया जाए।