8 नवंबर 2017 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का एक साल का कार्यकाल पूरा हुआ है। ट्रम्प के एक साल के कार्यकाल की बात की जाए तो कई विशेषज्ञों की नजरों में इसे विवादित माना जाता है। ट्रम्प जब से अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित हुए है उन्हें दुनिया के कई देशों के साथ ही खुद अपने देश में ही लोगों के विरोध का सामना करना पड़ता है।
अमेरिकी लोग अभी भी ट्रम्प को अपने राष्ट्रपति के रूप में अब तक स्वीकार नहीं कर पाए है। लोग ट्रम्प का मजाक व आलोचना करते है। लेकिन इन सबमें लोगों व आलोचकों की कोई गलती नहीं कही जा सकती है।
खुद डोनाल्ड ट्रम्प अपने गलत व मनमाने निर्णयों की वजह से लोगों के निशाने पर आ जाते है। ट्रम्प ने चुनाव जीतते ही सबसे पहले मीडिया को निशाने पर लिया था और काफी आलोचना की थी। अमेरिका के लिए ट्रम्प ने कई ऐसे निर्णय लिए है जिनकी अमेरिका के साथ ही वैश्विक स्तर पर आलोचना हो रही है।
वर्तमान में अमेरिका में कई देशों के नागरिक निवास करते है। ये विदेशी लोग व्यापार,शिक्षा व अन्य मकसद से अमेरिका में रहते है। जिसमें बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग अमेरिका में निवास करते है। बड़ी संख्या में भारत के लोग अमेरिका में बसे हुए है।
ट्रम्प से नाखुश है भारतीय अमेरिकी
लेकिन जब से डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के राष्ट्रपति बने है तब से ही भारतीय मूल के अमेरिकी लोगों में एक अजीब सा डर बना हुआ रहता है। भारतीय में एक डर बनने लगा है कि न जाने कब ट्रम्प कुछ ऐसा निर्णय लेले जिसकी वजह से उन्हें नुकसान उठाना पड़े। पिछले कुछ महीनों पहले ही अमेरिकी की एक नीति का सबसे बुरा असर भारतीय मूल के लोगों पर पड़ा था।
जिस वजह से भारत में अमेरिका पढ़ने जाने वाले छात्रों व व्यापारियों ने अमेरिका की जगह अन्य देशों की तरफ रूख किया। अमेरिका मे रह रहे लोगों के अनुसार पिछले एक साल में माहौल में काफी बदलाव हुआ है। अमेरिका में खासतौर पर मुस्लिम भारतीयों व सिक्ख समुदाय की चिंता ज्यादा बनी हुई है। क्योंकि उनकी ढाढ़ी को लेकर लोगों में डर बना हुआ रहता है।
इसके अलावा ट्रम्प सरकार के आने के बाद भारतीय मूल के नागरिकों खासकर छात्रों व कामकाजी लोगों पर अत्याचार भी बढ़े है। अमेरिका में भारतीय लोगों को नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका भारतीय लोगों को एयरपोर्ट पर भी परेशान करने लगा है। एयरपोर्ट वाली घटना में तो भारत के कई दिग्गज शामिल हो चुके है।
एक सर्वे की माने तो अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के समय करीब 80 प्रतिशत भारतीयों ने डोनाल्ड ट्रम्प का विरोध किया था। ज्यादातर भारतीयों ने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को वोट दिया था। शायद यही वजह है कि ट्रम्प भारतीय को लेकर सरल नजर नहीं आते है। साथ ही अवैध अप्रवासियों से जुड़े कानून को लेकर भारत पर नकारात्मक असर पड़ा है।