राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी टेक दिग्गजों फेसबुक, ट्वीटर और गूगल पर पक्षपात का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि ट्वीटर ने लोगों को उनके पेज को फॉलो करना मुश्किल बनाया है। फेसबुक, ट्वीटर और गूगल उदारवादियों के लिए पक्षपाती नीति रखता है, यह हास्यास्पद है।
डोनाल्ड ट्रम्प के आरोप
उन्होंने कहा कि लोगों को ट्वीटर पर @रियलडोनाल्डट्रम्प के पेज को फॉलो करने में बेहद परेशानी हो रही है। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि ट्वीटर ने कई नामों को हत्या है, जिसके कारण इसके स्तर और गति धीमी हुई है। उन्होंने कहा कि ट्वीटर ने स्वीकार है कि उसने कुछ नहीं किया है।
सोशल मीडिया और मीडिया में राष्ट्रपति की आलोचना के कारण डोनाल्ड ट्रम्प के निशाने पर ट्वीटर रहता है। इस पहले अक्टूबर में डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीटर पर अपने पेज पर लोगों को जुड़ने से रोकने की आलोचना की थी। सोशल मीडिया ने लगातार राजनीतिक पक्षपात के आरोपों को नाकारा है। कई जानकारों के मुताबिक सोशल मीडिया पर अधिकतर लोग डोनाल्ड ट्रम्प सहित अन्य कंज़र्वेटिव को फॉलो करते हैं।
ट्वीटर सुधार कर रहा है
ट्वीटर ने कहा कि अकाउंट इस्तेमाल करने वाले की पहचान न छुपाने को लेकर कार्य कर रहे हैं। ट्वीटर ने कहा कि हमारा ध्यान सुविधाओं की सेहत में सुधार पर है, हमें द्वेषपूर्ण व्यवहार से बचने के लिए जाली खातों को हटाने पर कार्य करना होगा।
चुनाव में जीत, सोशल मीडिया का रोल
हाल ही में सीनेट में रुसी एजेंट के सोशल मीडिया के इस्तेमाल से चुनाव में दखलंदाजी करने की रिपोर्ट पेश की गई थी, ताकि साल 2016 के चुनावों को डोनाल्ड ट्रम्प के पाले में पलटा जा सके। हिलेरी क्लिंटन को चुनाव में विजय बनाने में सैंट पीटर्सबर्ग स्थित इन्टरनेट रिसर्च एजेंसी ने बाधा डाली थी। उस दौरान सोशल मीडिया पर हिलारी क्लिंटन के खिलाफ भड़काऊ पोस्ट किये गए थे। कई फर्जी खातो से सन्देश भेजा गया कि “हिलेरी क्लिंटन के लिए किसी की जान मायने नहीं रखती, बल्कि वोट मायने रखते हैं।”
जांचकर्ताओं के मुताबिक फेसबुक, ट्वीटर, यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर आईआरए के 3841 खाते थे, जिससे व्हाइट अमेरिकियों को उकसाया जा रहा था। अध्य्यन के मुताबिक आईआरए का अभियान साल 2015 में शुरू हो गया था।