रूस (Russia) के प्रमुख मिसाइल प्रणाली को तुर्की (Turkey) ने खरीदने के लिए समझौता किया है। जी 20 के सम्मेलन के इतर डोनाल्ड ट्रम्प ने तुर्की के राष्ट्रपति से शनिवार को मुलाकात की थी। वांशिगटन ने स्पष्ट कर दिया है कि वह रूस से एस 400 खरीदने जे सख्त खिलाफ है।
अमेरिका ने तुर्की को इस समझौते को रद्द करने के लिए 31 जुलाई तक का वक्त दिया है। इससे अंकारा का एफ 35 लड़ाकू विमान कार्यक्रम में शामिल होना मुश्किल हो जाएगा।
जापान के ओसाका में जी 20 के सम्मेलन के इतर ट्रम्प ने राष्ट्रपति रिच्चप तैयब एर्डोगन के समक्ष अपनी स्थिति को दोहराया है।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा “यह एक समस्या है और इसके बारे में कोई सवाल नही होना चाहिए। यह अच्छा नही है, बिल्कुल अच्छा नही है। तुर्की हमारा दोस्त है, हम एक विशाल कारोबार साझेदार है। हम कुछ बड़ा करने जा रहे हैं।”
वांशिगटन ने कहा कि अगर तुर्की 31 जुलाई तक एस 400 कर समझौते को नहीं त्यागता है तो अंकारा को एफ 35 लड़ाकू विमान खरीदने से रोक दिया जाएगा और अमेरिका में मौजूद समय मे प्रशिक्षण ले रहे तुर्की के पायलटों को वापस भेज दिया जाएगा।
इस समझौते से तुर्की के नाटो सहयोगियों की भौहे चढ़ गई थी और वांशिगटन को भड़का दिया था। अमेरिका ने तुर्की को पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने का विकल्प दिया था।
अलबत्ता तुर्की इस समझौते के लिए प्रतिबद्ध रहा था। एर्डोगन ने इस माह के शुरुआत में कहा था कि “रूस के साथ समझौता हो चुका है और अब इसमे कोई बदलाव नहीं होगा। एस-400 के समझौते से पलटने का कोई सवाल ही पैदा ही नहीं होता है। यह समझौते हो चुका है। तुर्की और रूस मिलकर एस-500 रक्षा प्रणालियों का उत्पादन करेंगे।”
विदेशी मामलो की समिति के अध्यक्ष एलियट एंगेल ने कहा कि “हम दुर्लभ ही ऐसा विदेशी मामलो में देखते हैं, यह आर-पार का मामला है इसमें कोई बीच का रास्ता नहीं है। या तो तुर्की के राष्ट्रपति समझौते को रद्द कर दें या न करे।”