डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के बीच 27-28 फरवरी को वियतनाम में मुलाकात होगी। अमेरिका के राष्ट्रपति ने दूसरे शिखर सम्मेलन के बाद भी उत्तर कोरिया के नेता के साथ मुलाकात की संभावना व्यक्त की है। व्हाइट हाउस में उन्होंने कहा कि वह उत्तर कोरिया पर लगे प्रतिबंधों को हटाना चाहते हैं, लेकिन परमाणु निरस्त्रीकरण में पियोंगयांग को पहल करने की जरुरत है।
रायटर्स के मुताबिक उन्होंने कहा कि “मेरे ख्याल से यह आखिरी मुलाकात नहीं होगी। मेरे अनुसार वह कुछ करना चाहते हैं, देखते है क्या होता है। प्रतिबंधों से निजात से पूर्व उन्हें दूसरे खेमे में सार्थक प्रगति देखनी है, तभी अमेरिकी प्रतिबंधों में परिवर्तन होगा।”
डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को दोहराया कि “वह चाहते हैं उत्तर कोरिया परमाणु कार्यक्रम को खत्म कर दे। लेकिन वह हड़बड़ी में नहीं है और न ही पियोंगयांग पर निरस्त्रीकरण के लिए दबाव बना रहे हैं।”
उत्तर कोरिया के साथ बैठक के बाद स्टेफेन बिगुन ने कहा था कि बातचीत काफी फलदायी रही, लेकिन सम्मलेन से पूर्व काफी कठोर कार्य करना शेष है। अमेरिका की मांग है कि उत्तर कोरिया को सभी परमाणु कार्यक्रमों का त्याग कर देना चाहिए। डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन ने सितम्बर में आयोजित पहली बैठक में पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण की प्रतिबद्धता दिखाई थी।
उत्तर कोरिया की मांग है कि अमेरिका सभी प्रतिबंधों को हटा दे, 1950-53 की कोरियाई युद्ध की आधिकारिक घोषणा करें और सुरक्षा की गारंटी प्रदान करें।
कोरियाई युद्ध के अंत की आधिकारिक घोषणा की महत्वता के बाबत माइक पोम्पिओ ने कहा कि “हमारे समक्ष बातचीत के लिए बेहद मुद्दे हैं। डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन सिंगापुर में राज़ी हुए परमाणु निरस्त्रीकरण और सैन्य चुनौती व कम करने के बाबत बातचीत करेंगे, ताकि पेनिनसुला में शान्ति और सुरक्षा की जा सके।”