उत्तर कोरिया और अमेरिका के मध्य परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर तनाव बना हुआ है। सिंगापुर में बैठक के बाद किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच दूसरी मुलाकात टलती रही थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने क्किम जोंग उन के साथ जल्द ही मुलाकात करने की संभावना जताई है।
किम जोंग उन की धमकी
उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन ने अपने नए साल के भाषण में अमेरिका को धमकी दी थी कि अगर अमेरिका ने प्रतिबन्ध नहीं हटाये तो उत्तर कोरिया शांति का मार्ग बदल लेगा, क्योंकि देश की सुरक्षा व शांति के लिए जरुरी है।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वह उत्तर कोरिया के नेता से मुलाकात के समय को देख रहे हैं और उत्तर कोरिया में आर्थिक क्षमता प्राप्त करने की काबिलियत है। उत्तर कोरिया के नेता ने एक इंटरव्यू में कहा कि अमेरिका अगर दुनिया के सामने किया अपना वादा पूरा नहीं करता और हम पर दबाव ही बनाये रखता है तो हम शांति का रास्ता बदल लेंगे।
किम जोंग उन ने कहा कि मैं राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ दोबारा बातचीत के लिए तैयार हूँ ताकि भविष्य की बेहतर रणनीति को तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है पूरी दुनिया इसका स्वागत करेगी। उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका को संयुक्त युद्धाभ्यास नहीं करना चाहिए।
परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता ठप
दोनों देशों के नेता सिंगापुर में शिखर सम्मेलन के दौरान सुर्ख़ियों में आये थे। इस दौरान किम जोंग उन ने पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण में अहम भूमिका निभायी थी। हालांकि इस बैठक के बाद दोनों तरफ की वार्ता ठप पड़ी हुई है। कई वार्ता और मुलाकातों को रद्द किया गया है।
नवम्बर के शुरुआत में अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पेओ ने उत्तर कोरिया के अधिकारियों से मुलाकात करनी थी लेकीन उत्तर कोरिया ने अमेरिका से प्रतिबंधों को हटाने का दबाव बनाया था, इसी कारण यह बैठक रद्द कर दी गयी थी।
साल 2017 में उत्तर कोरिया ने छह परमाणु विस्फोट किये थे और अमरीकी सरजमीं तक पंहुचने वाले राकेट को लांच किया था। हालांकि इस वर्ष उत्तर कोरिया ने किसी परमाणु हथियार का निर्माण नहीं किया है।
किम जोंग उन ने नए साल के भाषण में पारंपरिक तरीके से दिया जो उत्तर कोरिया में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इससे लगता है कि उत्तर कोरिया वैश्विक मंच पर एक सामान्य देश की तरह अपनी पहचान बनान चाहता है और अपनी निरंकुश शासन की छवि को मिटाना चाहता है।
किम जोंग उन ने अपने 30 मिनट के भाषण में राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को मज़बूत और बिजली कटौती की समस्या से निजात पाने को कहा, जो प्रतिबंधो को हटाये बिन असंभव है। अमेरिका का साथी दक्षिण कोरिया भी उत्तर कोरिया के साथ है और चाहता है कि पडोसी देश पहले परमाणु निरस्त्रीकरण की प्रतिबद्धता को पूर्ण करें।