अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को एक बार फिर कश्मीर के मामले में मध्यस्थता करने की पेशकश की है जबकि कुछ दिनों पूर्व उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि कश्मीर में जारी विवाद को हल करने के लिए भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय वार्ता करनी चाहिए।
एनबीसी न्यूज़ में दिए इंटरव्यू में डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “मैं अपनी सर्वश्रेष्ठ दूंगा, चाहे मध्यस्थता करूँ या कुछ और। कश्मीर में स्थिति जटिल है। यहां हिंदू हैं और मुसलमान भी और मैं नहीं कहूंगा कि उनके बीच काफी मेलजोल है। यह दशको से हैं।”
बीते हफ्ते डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान से फ़ोन पर बातचीत की थी और यह स्पष्ट कर दिया था कि यह दोनों देशो के बीच का आंतरिक मामला है और मंगलवार को खान ने ट्रम्प को कश्मीर के हालातो के बारे में बताया था। साथ ही डोनाल्ड ट्रम्प से कश्मीर विवाद का हल निकालने की गुजारिश की थी।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि जी-7 की बैठक के इतर मैं नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने की तरफ देख रहा हूँ जो इस सप्ताहांत में फ्रांस में आयोजित की जाएगी। नई दिल्ली ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जम्मू कश्मीर से विशेष दर्जा हटा दिया था और इसके बाद पाकिस्तान ने इस मामलो को अंतरराष्ट्रीय अमलीजामा पहनाने की भरसक कोशिश की है।
भारत ने सत्ताधारी भाजपा सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था जो जम्मू कश्मीर को एक विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता है। भारतीय संसद ने इस विधेयक के माध्यम से जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो विभागों में विभाजित कर दिया है।
डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट कर कहा था कि “मैंने दो अच्छे दोस्तों से भारतीय प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री इमरान खान से बातचीत की थी। इस दौरान व्यापार रणनीतिक साझेदारी एयर सबसे महत्वपूर्ण भारत और पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में तनाव को कम करने को लेकर चर्चा की थी। हालात मुश्किल है लेकिन अच्छी बातचीत थी।”