ईरान पर बनी विदेश नीति में आला अधिकारीयों के बीच मतभेद की अफवाहों को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने खारिज कर दिया है। उन्होंने बयान में बताया कि उन्होंने व्हाइट हाउस के सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन और राज्य सचिब माइक पोम्पिओ का भरपूर समर्थन है।
मतभेदों की रिपोर्ट को डोनाल्ड ट्रम्प ने बकवास करार दिया जिसमे निजी तौर पर उन्होंने चिंता व्यक्त की थी कि उनके सलाहकार उन्हें ईरान के साथ युद्ध की तरफ धकेल रहे हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “न्यूज़ मीडिया ने यह सन्देश फैलाया कि मैं आने अधिकारीयों से नाराज हूँ। मैं अपने लोगो से बिल्कुल गुस्सा नहीं हूँ। मैं अपने खुद के निर्णय लेता हूँ। माइक पोम्पिओ और जॉन बोल्टन दोनों ही बेहतरीन कार्य कर रहे हैं।”
साल 2016 के चुनावी अभियान के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प ने विदेशों के विवादों से दूर रहने का वादा किया था और अफगानिस्तान व इराक की जंग को उन्होंने महंगी करार दिया है। लेकिन उन्होंने कहा था कि “अमेरिकी हितो की रक्षा के लिए हर पर्याप्त कदम उठाएंगे।” अमेरिका द्वारा हाल ही में मध्य पूर्व में युद्धपोत की तैनाती ने तनाव को बढ़ा दिया है।
ट्रम्प ने ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों को मंज़ूरी दी है और इसका मकसद ईरानी अर्थव्यवस्था की कमर तोडना और ईरानी नेताओं को बातचीत के लिए मज़बूर करना है। अमेरिका चाहता है कि ईरान अपने परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को त्याग दे और मध्य पूर्व को अस्थिर करने वाली अन्य गतिविधियों को रोक दें।
ईरान के अंदर और बाहर के आलोचकों के मुताबिक जॉन बोल्टन ईरान ने सरकार में बदलाव चाहते हैं। बोल्टन को ईरान विरोधी के तौर पर जाना जाता है और उन्हें यकीन है कि अमेरिका को ईरान के साथ सख्त रवैया अख्तियार करने की जरुरत है।
डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि “तनाव हम बढ़ा रहे हैं यह धारणा सुनकर हम हताश हो चुके हैं, हम संघर्ष चाहते हैं। सच से दूर कुछ भी नहीं है, हम तनाव को कम करना चाहते हैं। ईरान पर बोल्टन के विचार पुख्ता है और उन्हें कोई भ्रम नहीं है। वह राष्ट्रपति के लिए कार्यरत है और उन्होंने यह दायित्व स्वीकार किया था क्योंकि उन्हें राष्ट्रपति की नीतियों पर भरोसा है।”
डोनाल्ड ट्रम्प ईरान के साथ सीधे तौर पर बातचीत चाहते हैं हालाँकि ईरान के नागरिकों की तरफ से कोई सन्देश नहीं है कि वह बातचीत के लिए तैयार है। अधिकारी ने कहा कि “अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। हम फ़ोन से चिपके हुए हैं।”