अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इराक में पंहुचकर सबको चौंका दिया था। इराक में तैनात अमेरिकी सैनिकों को क्रिसमस की शुभकामनाएं देने के लिए डोनाल्ड ट्रम्प अचानक इराक पंहुच गए, उनके इस कदम ने सभी को हैरान कर दिया था। डोनाल्ड ट्रम्प ने अल असद एयर बेस पर अमेरिकी सैनिकों से मुलाकात की और उनके साथ काफी वक्त व्यतीत किया था।
राष्ट्रपति का इराक दौरा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का सत्ता पर विराजमान होने के बाद यह पहला अनौपचारिक दौरा था, इस दौरान उन्होंने किसी भी इराकी अधिकारी से मुलाकात नहीं की थी। डोनाल्ड ट्रम्प के साथ उनकी पत्नी और अमेरिका की प्रथम महिला मेलेनिया ट्रम्प भी इस यात्रा पर थी।
डोनाल्ड ट्रम्प ने सैनिकों से बातचीत की और सैन्य लीडरों से मुलाकात की थी। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सांडर्स ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प और प्रथम महिला क्रिसमस की रात को अमेरिकी सैनिकों और सैन्य लीडरों से मुलाकात करने गए थे, सैनिकों को उनके सर्विस, उनकी सफलता और उनके त्याग के लिए शुक्रिया अदा करने गए थे और साथ ही उन्हें क्रिसमस की शुभकामनाएं भी दी थी।
सैनिकों से की मुलाकात
अमेरिकी राष्ट्रपति और उनकी पत्नी ने इराक में स्थित सैन्य बेस में 3 घंटे सैनिकों से साथ व्यतीत किये थे। इराक में तैनात अमेरिकी सैनिकों का यह बेस कैंप इराक की राजधानी बगदाद से 60 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वह अपनी अमेरिका पहले की नीति पर कार्य कर रहे हैं और अमेरिका अब सिर्फ बर्दाश्त करने वाले देशों में नहीं शुमार होगा।
.@FLOTUS Melania and I were honored to visit our incredible troops at Al Asad Air Base in Iraq. GOD BLESS THE U.S.A.! pic.twitter.com/rDlhITDvm1
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) December 26, 2018
हाल ही अमेरिका के राष्ट्रपति के अफगानिस्तान में तैनात 14 हज़ार में से सात हज़ार सैनिकों को वापस देश बुलाने की योजना का ऐलान किया था। डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीटर के जरिये जनता को पैगाम दिया कि हैं सीरिया में आईएसआईएस को शिकस्त दे दी है, मेरे राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान सेना की वहां तैनाती का यही कारण था।
अफगानिस्तान में 17 सालों के संघर्ष के अंत के लिए डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने 14000 सैनिकों में से 7000 सैनिकों की वापसी का निर्णय लिया था। अलबत्ता इसका कोई अधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है।