पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान तीन दिवसीय अमेरिका की यात्रा के लिए पंहुच गए हैं और वह सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात करेंगे। पाकिस्तान तहरीक ए इन्साफ ने शुक्रवार को बताया कि वह दक्षिण एशियाई इलाके में शान्ति और अफगानिस्तान के मामले पर चर्चा करेंगे।
खर्च को कम करने के लिए इमरान खान ने क़तर एयरवेज की एक व्यावसायिक फ्लाइट से यात्रा की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान ने अमेरिका में पाकिस्तानी राजदूत के आवास पर रहने के लिए आग्रह भी किया था ताकि खर्च को कम किया जा सके।
पीटीआई ने बताया कि “पाकिस्तान-अमेरिकी दोस्ती में उतार चढाव रहे हैं लेकिन यह एक सौहार्दपूर्ण मित्रता है। अमेरिका की यात्रा में इमरान एक संयुक्त लक्ष्य क्षेत्र में शांति और स्थिरता के साथ इमरान खान इस दोस्ती को दोबारा पटरी पर लाने की कोशिश करेंगे।”
उन्होंने बताया कि “इमरान खान शांतिपूर्ण पड़ोसी की पाकिस्तान की नीति को भी रेखांकित करेंगे और इसका मकसद वार्ता के जरिये मतभेदों को हल करना होगा और क्षेत्र में शान्ति, प्रगति व समृद्धता के नजरिये का प्रचार करना होगा। वांशिगटन में मुलाकातों के दौरान इमरान खान नया पाकिस्तान के दृष्टिकोण को भी रखेंगे और अमेरिका के साथ पाकिस्तान के व्यापक और बहुस्तरीय संबंधो की महत्वता को भी बतायेंगे।”
ट्वीट में कहा कि “समस्त राष्ट्र क्षेत्र में पाकिस्तान की रणनीतिक स्थिति की अहमियत से वाकिफ है। इसलिए जरुरी है कि विश्व क्षेत्र में शांति के पाकिस्तानी प्रयासों के बारे में जाने। पीएम खान की अमेरिकी यात्रा इस लक्ष्य की तरफ एक और कदम है।” पाकिस्तान और अमेरिका के सम्बन्ध हालिया वर्षों में काफी बिगड़े हैं, विशेषकर जब डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान की सैन्य सहायता पर रोक लगा दी थी।
इमरान खान की अमेरिकी यात्रा से पूर्व पाकिस्तान में प्रतिबंधित हाफिज सईद की गिरफ्तारी की गयी थी, ताकि वांशिगटन को अपनी आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की गंभीरता को दर्शाया जा सके। भारत ने पाकिस्तान की इस कार्रवाई को ढोंग करार दिया था क्योंकि वह इससे पूर्व आठ बार ऐसा दिखावा कर चुका है।
कांग्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सरकार के नियंत्रण वाले इलाको में अभी कई आतंकी समूह संचालन कर रहे हैं, कई को विदेशी आतंकी संगठन करार दिया गया है। साल 2014 में पाकिस्तानी सेना के प्रमुख अभियानों के कारण घरेलू आतंकवाद की घटनाएं कम हुई है।
कई बाहरी आतंकी समूह मसलन लश्कर ए तैयबा पाकिस्तान में खुला घूम रही है और राज्य तत्व उनका समर्थन भी करते हैं। पाकिस्तान में अलकायदा और आईएसआईएस के नेटवर्क भी मौजूद है।