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    डोकलाम विवाद चीनी सैनिक

    भारत व चीन के बीच तनाव कम होने की जगह लगातार बढ़ रहा है। हाल ही में ड्रोन विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच कड़वाहट हुई है। वहीं एक बार फिर चीन ने डोकलाम विवाद को तूल देने का काम किया है। चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। भारत ने सोचा था कि चीन के साथ डोकलाम को लेकर विवाद सुलझा लिया है लेकिन चीन ने सिक्किम-भूटान-तिब्बत सीमा के पास डोकलाम क्षेत्र में करीब 1800 चीनी सैनिकों ने फिर से कब्जा कर लिया है।

    जानकारी के मुताबिक चीनी सैनिकों ने विवादित क्षेत्र में दो हेलीपैड का निर्माण भी किया है। इसके अलावा उन्नत सड़कें, रहने के लिए आश्रयों व स्टोरों का निर्माण किया है। डोकलाम विवाद खत्म होने के करीब 3 महीने से ज्यादा समय के बाद चीन ने अपनी असली मंशा दिखा दी है।

    एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक चीनी सैनिकों की इस हरकत की वजह से भारत को रणनीतिक लक्ष्य मिल गया है और अब चीन को डोकलाम में किसी भी हालत में सड़क का विस्तार नहीं करने दिया जाएगा।

    इस क्षेत्र में चीन के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिक स्थाई रूप से रहते है। चीनी सैनिक यहां पर हर साल उपस्थित दर्शाने को आते है और फिर वापस चले जाते है। लेकिन इस बार तो चीनी सैनिकों ने डोकलाम में रहने के लिए स्थाई निर्माण कर लिया है।

    थल सेना के प्रमुख बिपिन रावत ने जताई थी आशंका

    जब डोकलाम में वापस से चीनी सैनिकों के जमे रहने की खबर मिली तो इस पर चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि डोंगलॉन्ग (डोकलाम) चीनी क्षेत्र है। यहां पर सर्दियों के दिनों में बड़ी संख्या में सैनिक अभ्यास करते है। डोकलाम में हम अपने सैनिकों की तैनाती का निर्णय लेंगे।

    डोकलाम के पास यतुंग में चीनी सैनिकों की बढ़ती उपस्थिति ने भारत के सैनिकों को भी वहां रखने के लिए प्रोत्साहित किया है। गौरतलब है कि भारतीय थल सेना के प्रमुख बिपिन रावत ने कहा था कि चीन कभी अपनी हरकतों से बाज नहीं आएगा और वह विवादित क्षेत्र में अपनी ताकत आजमाने की कोशिश करता रहेगा।