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    विदेश सचिव

    चीनी मामलों के विशेषज्ञ व चर्चित राजनियक विजय केशव गोखले आज सोमवार से नए विदेश सचिव का पदभार संभालेंगे। चीन के साथ डोकलाम गतिरोध को सुलझाने में अहम भूमिका निभाने वाले विजय गोखले निवर्तमान विदेश सचिव एस जयशंकर की जगह लेंगे। एस जयशंकर सेवानिवृत्त हुए है।

    साल 1981 बैच के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी विजय गोखले वर्तमान में विदेश मंत्री (विदेश मंत्रालय) के सचिव (आर्थिक संबंध) के रूप में सेवा कर रहे है। गौरतलब है कि पिछले साल भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच 73 दिन तक चले डोकलाम गतिरोध को हल करने के लिए वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

    डोकलाम विवाद को विजय गोखले ने इस तरह से संभाला कि जिससे भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी मौजूदगी को मजबूती से दर्ज करवाया। एस जयशंकर के बाद विजय केशव गोखले सबसे वरिष्ठ राजनियक है।

    विजय गोखले 20 जनवरी 2016 से 21 अक्तूबर 2017 तक चीन में भारत के राजदूत भी रह चुके है। विजय गोखले भारत के विदेश सचिव पद पर दो साल के कार्यकाल पर रहेंगे। तीस साल के लंबे समय में विजय केशव गोखले ने जर्मनी, हांगकांग, वियतनाम, अमेरिका और चीन में अपनी सेवाएं दी है।

    मोदी की कैबिनेट समिति ने लगाई थी गोखले के नाम पर मुहर

    चीन के अलावा गोखले ने साल 2010 और 2013 के बीच मलेशिया में भारत के राजदूत के रूप में भी काम किया है। एस जयशंकर जनवरी 2015 से विदेश सचिव के रूप में सेवा कर रहे है।

    इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने विजय केशव गोखले की नियुक्ति पर मोहर लगाई थी। 1977 बैच के आईएफएस अधिकारी एस जयशंकर को पिछले साल जनवरी में एक साल का विस्तार दिया गया था। जो कि 28 जनवरी 2018 को समाप्त हुआ।