भारत और चीन के बीच चल रहा डोकलाम विवाद दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। पहले जो विवाद सिर्फ डोकलाम तक सीमित था, वह अब भारत-चीन और अन्य देशों में भी फ़ैल गया है।
चीन ने हाल ही में दिए एक बयान में कहा कि अगर वह भी भारत की तरह दूसरे देशों में बेवजह घुस जाए, तो घमासान मच जाएगा। इस बयान के जरिये चीन ने अरुणाचल प्रदेश, लदाख और कश्मीर की सीमा की और इशारा किया।
आपको बता दें कि हाल ही में भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपने बयान में कहा था कि चीन इस विवाद का कोई शांतिपूर्ण हल जरूर निकाल लेगा। उन्होंने कहा कि भारत एक शांतिपूर्ण देश है और हमें अपनी सीमाओं को बढ़ाने का कोई शौक नहीं है।
राजनाथ सिंह के इस बयान का पलटवार करते हुए चीन ने कहा कि भारत को किसी भ्रम में नहीं रहना चाहिए। जब तक भारत अपनी सेना को पीछे नहीं बुला लेता, तब तक इस समस्या का कोई हल निकल ही नहीं सकता। चीन के मुताबिक अगर चीन भी भारत की तरह बेतुके कारण बताकर दूसरे देश की सीमाओं में घुस जाए, तो यह अच्छा नहीं होगा।
जाहिर है भारत ने चीन द्वारा रोड़ बनाने को अपने ऊपर सुरक्षा का खतरा बताया था। भारत के मुताबिक अगर चीन डोकलाम में रोड़ बना लेता है, तो वह भारत की के लिए सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। भारत को उसके उत्तर-पूर्वी राज्यों से जो इलाका जोड़ता है, उसे ‘चिकन नैक’ कहते हैं। डोकलाम में रोड़ बनाने से चीन इस इलाके के बेहद करीब तक पहुँच जाएगा, और ऐसे में भविष्य में भारत के लिए खतरा बन सकता है।
चीनी विदेश मंत्रालय ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर चीन भी भारत की सीमा में बेवजह घुस जाए, तो भारत में उथल-पुथल मच जायेगी। इससे अच्छा है कि भारत अपनी सेना को वापस बुलाये और चीन को अपना काम करने दे।
विशेषज्ञों के मुताबिक अगले महीने होने वाली ब्रिक्स सम्मलेन में इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। इस सम्मलेन में भाग लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद जा रहे हैं। उनके साथ उनके सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी होंगे। इस दौरान मोदी और शी चिनपिंग के बीच अकेले में मुलाक़ात भी हो सकती है। दोनों देश इस दौरान डोकलाम विवाद एवं अन्य सीमा सम्बंधित मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं।