नार्वेजियन नोबेल कमिटी ने शुक्रवार को नोबेल शान्ति पुरूस्कार विजेता की घोषणा की। नोबेल शान्ति पुरूस्कार 2018 से डॉक्टर डेनिस मुकवेगे को नवाज़ा है। डेनिस मुकवेगे ने यौन उत्पीड़न को युद्ध हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने का अंत किया है।
डॉक्टर डेनिस मुकवेगे को डॉक्टर मिरेकल अर्थात् चमत्कारी के नाम से जाना जाता है। मुकवेगे का जन्म 1 मार्च 1955 में बुकावु में हुआ था। उन्हें डॉक्टर बनने के लिए उनके पिताजी से प्रेरणा मिली थी।
मेडिसिन के क्षेत्र में महारत हासिल करने के बाद वह वापस लेमेरा अस्पताल लौट गए। साल 2008 में डॉक्टर मुकवेगे कांगो में स्थित पंजी हॉस्पिटल के निदेशक बने।
उस दौरान उन्होंने और उनके साथियों ने मिलकर यौन उत्पीड़न से पीड़ित कई महिलाओं का इलाज किया। उन्होंने युद्ध के दौरान महिलाओं को यौन हथियार बनाने की आलोचना की।
डॉक्टर डेनिस मुकवेगे के जीवन पर साल 2015 में एक फिल्म ‘द मैन हु मेंडस वीमेन’ बनी थी। उनके जीवन की मूल अवधारणा थी कि न्याय हर व्यक्ति का व्यापार होना चाहिए। उन्होंने महिलाओं पर हो रहे यौन उत्पीड़न के मुखर आलोचक थे।
डॉक्टर डेनिस मुकवेगे ने सदैव बलात्कारियों की दंडमुक्ति का विरोध किया साथ ही कांगो की सरकार और महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने में असमर्थ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की भी कड़ी आलोचना की थी।
डॉक्टर डेनिस मुकवेगे ने इससे पूर्व लिंग असमानता को समाज के लिए अभिशाप बताया था। इससे पूर्व डॉक्टर डेनिस मुकवेगे को अमेरिका में पुरूस्कार से सम्मानित किया गया था। साथ ही अन्य कई अंतर्राष्ट्रीय पुरूस्कारों से भी उन्हें नवाज़ा गया है।
डॉक्टर डेनिस मुकवेगे को साल 2009 में ओलोफ पाल्म प्राइज और 2014 में सखारोव पुरूस्कार से नवाजा गया। सितम्बर 2016 में डॉक्टर डेनिस मुकवेगे को सीओल शान्ति पुरूस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
इस वर्ष साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरूस्कार नहीं दिया जा रहा है। नोबेल कमिटी की एक सदस्य के पति पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद यह पुरूस्कार देना बंद कर दिया था अलबत्ता अब इसे बहाल कर दिया गया है।